फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स में बच्चों और महिलाओं का महत्व

Jul 20, 2024

फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स में बच्चों और महिलाओं का महत्व

चैनल का उद्देश्य

  • उद्देश्य: फिजिकल एजुकेशन में शुरुआत से मदद करना
  • प्रस्तावना: मेरा नाम ज़ाकी है, मैं एक फिजिक्स और फिजिकल एजुकेशन एजुकेटर हूँ
  • लक्ष्य: स्टूडेंट्स को बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे मार्क्स दिलाना

यूनिट 2: बच्चों और महिलाओं का स्पोर्ट्स में भागीदारी

जीवन के चरण (Stages of Life)

  • Infant: 1 साल से कम आयु के बच्चे
  • Toddler: 2 से 4 साल के बच्चे
  • Child: 5 से 12 साल के बच्चे
  • Teenager: 13 से 19 साल
  • Adult: 20 से 39 साल
  • Middle Adult: 40 से 59 साल
  • Senior Adult: 60 साल से अधिक
  • Senior Citizen: 65 साल से अधिक

जीवन के अनुसार WHO की एक्सरसाइज गाइडलाइंस

1. 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए

  • 1 साल से कम: फ़्लोर बेस्ड गेम्स, 30 मिनट का एक्टिविटी
  • 1-2 साल: 180 मिनट की फिजिकल एक्टिविटीज़, 11-14 घंटे की नींद
  • 3-4 साल: 180 मिनट विविध एक्टिविटीज़, 10-13 घंटे की नींद
  • सभी उम्र: स्क्रीन टाइम से बचना और स्टोरी टेलिंग पर जोर देना

2. 5-17 वर्ष के बच्चों और युवाओं के लिए

  • मॉडरेट टू विगरस एक्टिविटी, 60 मिनट प्रति दिन
  • फायदे: मस्कुलर, न्यूरोमस्कुलर विकास, स्ट्रेस और एंजायटी से राहत

3. 18-64 वर्ष के वयस्कों के लिए

  • 150-300 मिनट पर वीक मॉडरेट इंटेंसिटी, या 75-150 मिनट विगरस एक्टिविटी
  • मस्कल स्ट्रेंथनिंग पर ध्यान रखना: हड्डियों और मसल्स की मजबूती
  • जिम, स्पोर्ट्स, रनिंग, जॉगिंग के रूप में एक्टिविटी

4. 65 वर्ष के ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए

  • 150-300 मिनट मॉडरेट, 75-150 मिनट विगरस एक्टिविटी
  • हड्डियों की मजबूती के लिए हल्की वजन उठाना और बैलेंस ट्रेनिंग जरूरी
  • बागवानी जैसी साधारण एक्टिविटीज भी महत्वपूर्ण

कॉमन पोस्टरल डिफॉर्मिटीज

पोस्चर के प्रकार

  • गुड पोस्चर: अच्छी बॉडी पोजीशनिंग
  • बैड पोस्चर: गलत बॉडी अलाइनमेंट

स्पाइनल करवेचर के प्रकार

  • काइफोसिस: स्पाइन आगे की ओर झुक जाती है
    • कारण: पोषण की कमी, मसल्स की कमजोरी
    • उपाय: स्ट्रेचिंग, वॉल पे लटकना आदि
  • लॉर्डोसिस: पेल्विक रीजन आगे की ओर
    • कारण: पेट के ज्यादा बढ़ने, हिप डिसीसेस
    • उपाय: सेट अप्स, पश्चिम उत्तासन, 90 डिग्री स्ट्रेच
  • स्कोलियोसिस: स्पाइन का लैटरल करवेचर
    • कारण: असंतुलित वेट उठाना, बोन डिसीसेस
    • उपाय: पुलअप्स अपोजिट डायरेक्शन में स्ट्रेचिंग

अन्य डिफॉर्मिटीज

  • नॉक नी: घुटनों का अंदर की ओर
    • कारण: विटामिन डी, कैल्शियम की कमी
    • उपाय: पद्मासन, गोमुखासन, सोन टाइम पे पिलो का उपयोग
  • बो-कनी: घुटनों का बाहर की ओर
    • कारण: कैल्शियम की कमी, मोटापा
    • उपाय: गरुड़ासन, चक्रासन
  • राउंड शोल्डर: शोल्डर आगे की ओर आना
    • कारण: हेरिडिटी, हैवी वेट उठाना
    • उपाय: वॉल स्ट्रेचिंग, प्लैंक, चक्रासन
  • फ्लैट फुट: फुट का फ्लैट होना
    • कारण: मोटापा, गलत साइज के शूज
    • उपाय: हील्स, टो चलना, स्किपिंग रोप्स

स्पोर्ट्स में वूमन का पार्टिसिपेशन

  • शुरुआत: महिला सहभागिता की कमी,
  • प्रगति: 1900 (22 महिलाएं), 2000 (कर्ण मल्लेश्वरी), 2012 (सानिया नेहवाल, मैरी कॉम), 2016 (साक्षी मलिक, पीवी सिंधु)
  • महत्व: महिलाओं का बढ़ता सहभागिता और उनके फायदे

स्पेशल कंसीडरेशन

  • मिनार्च: पहली बार पीरियड आना
    • आयू: 9-16 वर्ष का समय
    • प्रभाव: फिजिकल और मानसिक प्रदर्शन प्रभावित होता है
  • मेंस्ट्रुअल डिस्फंक्शन: अनियमित पीरियड्स
    • प्रभाव: अत्यधिक पेन, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर

फीमेल एथलीट राइड

  • कारण: लो एनर्जी, मेंस्ट्रुअल डिस्टरबेंसस, बोन डेंसिटी का कम होना
  • ऑस्टोफोसिस: बोन की घनत्व में कमी
    • कारण: एस्ट्रोजन की कमी
    • उपाय: कैल्शियम, प्रोटीन रिच डाइट, नियमित चेकअप
  • अमेनोरा: इंटेंस एक्सरसाइज और खराब पोषण से पीरियड्स का अनियमित होना
    • प्रभाव: हेडेक, हेयर लॉस, वजन न बढ़ना
  • ईटिंग डिसऑर्डर: वजन घटाने की कोशिश में पूरी तरह से न खाना
    • एनरॉक्स नर्वोसा: खाने से पूरी तरह मुंह मोड़ लेना
    • बुलमिया नर्वोसा: खाने के बाद जानबूझकर उल्टियां करना

निष्कर्ष

  • वीडियो में दिए गए नोट्स को रिवाइज करें और प्रीमियम नोट्स फिर से देखें
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