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फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स में बच्चों और महिलाओं का महत्व

इस चैनल का मोटो ये है कि आप लोग को सेशन के स्टार्टिंग से फिजिकल एजुकेशन में पूरी हेल्प करना ना कि लास्ट में आके वीडियोस बना के व्यूज के चक्कर में दूसरों को यह बताना कि हम भी मसीहा है जस्ट लाइक दिसला देती फिक्र मत करो बच्चों अब तुम लोग जा सकते हो आपका बहुत बहुत शुक्रिया आंटी ओके बाय बाय बेब फिर मिलेंगे बेबी बाय बाय उसका दोस्त बनने की कोशिश मत करो मैं और मेरी डैड इतना पीगी कि अपनी शक्ल नहीं पहचान पाओगे इतना भी कुछ ड नहीं मा मैं इस परिवार का डैड हूं सो हेलो एवरीवन वेलकम टू माय चैनल तो कैसे हैं आप सभी लोग डट सीरीज में आप सभी लोग का बहुत-बहुत स्वागत है आज हम लोग कवर अप करने वाले हैं हमारे यूनिट नंबर टू को बहुत ही प्यारे तरीके से और एक-एक चीजों को डिटेल में समझते हुए हम लोग देखने वाले तो वीडियो में आगे बढ़ने से पहले जो कोई मेरे बारे में नहीं जानता मेरा नाम जकी है मैं एक फिजिक्स एजुकेटर हूं साथ में फिजिकल एजुकेशन भी पढ़ाता हूं अगर आप लोग मेरे साथ फिजिक्स पढ़ना चाहते हो तो मेरे फिजिक्स चैनल को जवाइन कर सकते हो डिस्क्रिप्शन में लिंक मिल जाएगी तो इस चैनल पे हम लोग कवर अप करने वाले हैं इस चैप्टर को डिटेल में प्यारे वे में सो दैट बोर्ड्स में तुम लोग तगड़े मार्क्स स्कोर कर सको तो बस वीडियो को अच्छे से देखो उसके बाद आप लोग घर बैठे बस नोट्स अच्छे से रिवाइज कर लेना खत्म कहानी ये चैप्टर आसानी से तुम्हारे लिए कवर अप हो जाएगा और तुम लोग एक बेहतर मार्क्स स्कोर कर पाओगे बोर्ड्स एग्जामिनेशन में तो चलिए स्टार्ट करते हैं हमारे चैप्टर नंबर टू या यूनिट नंबर टू जिसका नाम है चिल्ड्रन एंड वुमेन एंड स्पोर्ट्स इस चैप्टर में आगे बढ़ने से पहले आप लोगों को एक छोटी सी अपडेट देता हूं अगर आप लोग फिजिक्स में परेशान हो तो मेरे फिजिक्स के चैनल को भी ज्वाइन कर सकते हो जहां पे क्लास 12थ की फिजिक्स की प्रिपरेशन मैं धासू वे में आप लोगों को कवर अप करवा रहा हूं और आप लोग घर बैठे एक बेस्ट प्रिपरेशन मेरे साथ इस चैनल पे कर सकते हैं तो मैं अभी आप लोग के लिए वन शॉर्ट सीरीज के साथ-साथ एनसीआरटी लाइन बाय लाइन सीरीज आप लोग के लिए कवर अप करवा रहा हूं जो आप लोग के कंटेंट कांसेप्ट को बहुत ज्यादा स्ट्रंग बनाएंगी तो अगर आप इसको फॉलो अप करना चाहते हो सभी इंपॉर्टेंट लिंक डिस्क्रिप्शन में आप लोग को गिवन है और आप लोग पूछ रहे थे कि भैया 12थ की फिजिकल एजुकेशन की आपकी बुक कब आने वाली है तो जुलाई के एंडिंग तक की आप लोग के लिए बुक आ जाएगी अगर आप ये वीडियो जुलाई के बाद देख रहे हो तो ओबवियस सी बात है बुक लॉन्च हो चुकी होंगी फर्स्ट लिंक आपको मिल जाएगी इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में वहां से जाके आप इसको परचेस कर सकते हो इस बुक के अंदर जितने भी टाइप के मैं क्वेश्चन विथ आंसर्स के साथ आप लोग को देने वाला हूं उससे बाहर कुछ भी नहीं आने वाला ये गारंटी है तो बस आपको ये वीडियो देखना है नोट से रिवाइज करना है और क्वेश्चंस आप लोग को मेरी इस बुक के साथ लगा लेना है बट हां अगर फिजिकल एजुकेशन के मेरे प्रीमियम नोट्स आप लोग को चाहिए जो कि टॉपर्स के तरफ से आप लोग के लिए प्रिपेयर करके दिए गए नोट्स है उसको आप डाउनलोड कर सकते हैं मेरे प्लेटफॉर्म की वेबसाइट या एप्लीकेशन से एप्लीकेशन का नाम के फॉर्म में करना है उस नोट्स से नोट्स में चल रहा है अभी स्पेशल डिस्काउंट pe30 कोड यूज करिएगा और स्पेशल डिस्काउंट जरूर पाइए तो याद रखना ये जो भी चीजें आज हम लोग पढ़ने वाले ये न्यू सिलेबस 2425 के अकॉर्डिंग आप लोग के लिए रहने वाली है सबसे पहली चीज इस चैप्टर का इंट्रोडक्शन समझ लेते हैं बेसिक सी बात है इस चैप्टर का नाम क्या है चिल्ड्रन एंड वुमन एंड स्पोर्ट्स मतलब क्या बच्चों को या फिर वूमेंस को जब स्पोर्ट्स में लेकर आओगे तो किस तरीके से उनके अंदर चेंजेज आते हैं बॉडी में चेंजेज आते हैं फिजिकल बेनिफिट होते हैं इन सब चीजों को हम लोग अच्छे से जानने वाले हैं इस पूरे के पूरे चैप्टर के अंदर अब इसमें जो सबसे पहला टॉपिक है व्हाट आर द स्टेजेस ऑफ लाइफ कौन-कौन सी कैटेगरी के क्या-क्या नाम्स है वो आप लोग को मालूम होने चाहिए बिकॉज इस चैप्टर के अंदर आप लोग को कुछ कीवर्ड्स देखने को मिलेंगे जो इन्हीं नाम के ऊपर रहेंगे और आपको समझ में आना चाहिए कि इसका मतलब क्या है तो जब बाय बर्थ से लेकर वन ईयर तक के बच्चा हो जाता है तो उसको इन्फेंट कहते हैं 2 साल से 4 साल के बच्चों को कहते हैं टॉडलर 5 साल से 12 साल के बच्चों को कहा जाता है चाइल्ड फिर 13 से 19 को कहते हैं टीनेज फिर 20 से लेकर 39 तक के आ जाते हैं यहां पे हमारे एडल्ट 40 टू 59 तक के आ जाते हैं मिडिल एडल्ट एज और 60 प्लस वाली जो कैटेगरी है वो सीनियर एडल्ट ट है और 65 के अबब जो है सीनियर सिटीजंस कहलाते है अब इसमें जो सबसे पहला टॉपिक है इसका नाम है एक्सरसाइज गाइडेंस ऑफ़ डूओ तो बेसिकली ये टॉपिक क्या है डूओ मतलब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने ना एक्सरसाइज की गाइडलाइंस को पब्लिश करी है हर एज के ग्रुप के लोगों के लिए कि अगर आप लोग इस रिस्पेक्टिव एज ग्रुप के अंदर आते हो तो आप लोग को डेली एक्सरसाइजस को जरूर करना चाहिए जिससे आप लोग का रेगुलर फॉर्म में बॉडी का डेवलपमेंट होता रहेगा डिसीसेस से आप लोग बचोगे और हेल्दी रहोगे जैसे आप जानते हो कि आज के टाइम में ढेर सारी डिसीसेस आप लोग को देखने को मिल रही है चाहे वो ओबेसिटी हो डायबिटीज हो हाई ब्लड प्रेशर का इशू हो या हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम्स हो तो अगर स्टार्टिंग डेज से अगर हम लोग एक्सरसाइज पे ध्यान देंगे तो जरूर ये आप लोग के लिए आगे जाके काम आएगी तो वही यहां पे डूओ ने ना स्पेसिफिकली ग्रुप वाइज बना दिया है कि किस-किस को किस टाइप के एक्सरसाइज करना चाहिए कौन सेकन से एज ग्रुप के अंदर तो ऐसे चार एज ग्रुप्स आप लोग के लिए बना दिए गए हैं तो इसमें जो सबसे पहली आप लोग की कैटेगरी उसका नाम है चिल्ड्रन अंडर फाइव ईयर एज मतलब 5 साल से कम के बच्चों के लिए किस तरीके से फिजिकल एक्टिविटीज आप लोग को याद रखनी है ये एग्जामिनेशन में आपको पूछा जा सकता है तो अगर 1 साल से कम के बच्चे तो उन पे ये चीज का ध्यान जरूर देना है कि उनको आप लोगों को कुछ ऐसी एक्टिविटीज परफॉर्म कराना है जो कि फ्लोर बेस्ड गेम्स के फॉर्म में एटलीस्ट 30 मिनट तो आप लोग को डेली करवाना ही है इस एक्सरसाइज को जिसके थ्रू उनका फिजिकल एक्टिविटी होगा वो हेल्दी रहेंगे छोटे बच्चे हैं तो इस टाइम पे स्लीप साइकल बहुत इंपॉर्टेंट होता है तो अगर बाय बर्थ से लेकर 3 महीने का बच्चा है तो 14 टू 17 आवर्स की उसकी प्रॉपर स्लीप होनी चाहिए चार से 11 महीने का बच्चा है तो याद रखना 12 से 16 घंटे उसको सुलाना है आप लोग को और एक क्वालिटी स्लीप आप लोग को प्रोवाइड करवानी है उसको इन सब के अलावा उस छोटे बच्चे पे ये भी ध्यान देना है कि स्क्रीन टाइम आप लोग को किसी भी तरीके से यहां पे कराने की जरूरत नहीं है अदर वाइज उसकी आंखें खराब होगी इसकी जगह आप लोग स्टोरी टेलिंग वगैरह कराइए उसको बैठा के सुनाइए या उसको बोलना धीरे-धीरे करके सिखाए वो उसके लिए ज्यादा बेनिफिशियल रहेगा आप बोलोगे कि भैया ये कैसी फिजिकल एक्टिविटीज हुई मैं जानता हूं कि ये आप लोग को अजीब सा लगा होगा बट एक चीज समझो यार एक साल से कम के बच्चों के लिए क्या कराओ ग तुम लोग तुम लोग सोच रहे हो कि बेंच प्रेस करा दे ऐसा नहीं हो सकता ना इसके बाद अगर हम लोग बात करें एक साल से 2 साल के बच्चों के लिए तो एटलीस्ट तुम लोग को ना 180 मिनट्स की वेरियस टाइप की फिजिकल एक्टिविटीज उन लोग के साथ करवानी चाहिए अब ये मॉडरेट टू विगर्स फॉर्म में भी हो सकती है जिसमें तुम लोग बॉल फेंकना उनको बोलने की कोशिश करो बॉल को किक करवाने की कोशिश करवाओ ये सब चीजें आप लोग करवाओ तो उनको काफी मजा आता है वो झुनझुना पुनपुन उनके हाथ में पकड़ो तो ये भी उनके लिए फिजिकल एक्टिविटी है इन सबके अलावा 11 से 14 घंटे की एक अच्छी नींद लेना उन लोग के लिए बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है और सही टाइम पे वो सोए और सही टाइम पे वो उठे वो बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करेगा उनकी हेल्थ के लिए इस टाइम पे भी स्क्रीन टाइम को अवॉइड कराना होना चाहिए उसके अलावा इनकरेज करो कि वो लोग लिखने की कोशिश करवाओ थोड़ा बहुत टेढ़ा मेढा स्टोरी टेलिंग कराने की कोशिश करो तो वो ज्यादा उन लोग के लिए इंपॉर्टेंट रहेगा बिकॉज़ वो लोग चौक पकड़ के कुछ भी लिखेंगे कुछ भी लिखेंगे तो उनकी जो फाइन मोटर स्किल्स वो डेवलप होंगी इसके बाद 3 साल से 4 साल के बच्चों के लिए 180 आवर्स की यहां पे भी वेरियस टाइप के फिजिकल एक्टिविटीज आप लोग को परफॉर्म करवानी है वो डिपेंड करता है उस बच्चे के ऊपर कि उसको क्या पसंद है आप लोग को कोई भी एक्टिविटी करवानी है लेकिन कराना है इसमें लगभग 10 से लेकर 13 घंटे की क्वालिटी स्लीप बच्चों को लेना बहुत ज्यादा जरूरी है और बेसिक सी बात है सही टाइम पे सोना और सही टाइम पे उठने पे ध्यान देना पड़ेगा इन टाइम पे बच्चों को सेम यहां पे भी वही चीज आप लोग को याद रखनी है कि यार स्टोरी टेलिंग और रीडिंग पे आप लोग फोकस करवाए बच्चों को स्क्रीन टाइम से दूर रखने की कोशिश करें और इन तीनों कैटेगरी में ज्यादा देर एक ही जगह पे बच्चों को रखने की कोशिश ना करो अब अगली कैटेगरी बात कर लेते हैं चिल्ड्रन एंड यूथ फाइव इयर्स से लेकर 17 इयर्स तक के आप लोग को किस तरीके से चेंजेज लाना है अपनी बॉडी के अंदर और कौन-कौन से फिजिकल एक्टिविटीज करना है जो कि डूओ ने रिकमेंड करा है तो पहली चीज तो यहां पे जो भी एक्सरसाइज करना है वो मॉडरेट टू विगर्स टाइप की आप लोग की होनी चाहिए एटलीस्ट एक घंटा आप लोग को डेली आप लोग को एक्टिविटीज परफॉर्म करना बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है जो कि आप लोग की एडिशनल हेल्थ बेनिफिट भी प्रोवाइड करेगी फ्रीक्वेंसी आप लोग रख सकते हो कुछ इस तरीके से कि या तो आप लोग एक घंटा पूरा फिजिकल एक्टिविटी परफॉर्म कर रहे हो या फिर आप लोग 30-30 मिनट की ईच सेशन रख लिए सुबह के टाइम पे शाम के टाइम पे 30 मिनट 30 मिनट करके खेल कूद लिए जो एक्टिविटीज यहां पे होनी चाहिए वो एरोबिक बेस्ड होनी चाहिए बेसिक एक्सरसाइजस होनी चाहिए जहां पे स्ट्रेचिंग जहां पे मसल्स की स्ट्रेंथ निंग हो सके बेसिक फॉर्म की स्ट्रेचिंग टाइप की एक्सरसाइजस आप लोग कर सकते हो फंडामेंटल एक्टिविटीज कर सकते हो लाइक जंपिंग करना रनिंग करना थ्रोइंग करना ट्विस्टिंग करना पुशअप्स पुलअप्स करना अब इनके क्या बेनिफिट होते हैं तो बेसिक सी बात है मस्कुलर स्केलेटल सिस्टम यहां पे स्ट्रांग होता है जिसमें मसल्स बोनस बहुत ज्यादा स्ट्रांग बनती है न्यूरोमस्कुलर सिस्टम यहां पे बेटर होता है उनका ढेर सारी फिजिकल एक्टिविटीज वो परफॉर्म करेंगे तो उनकी बॉडी हेल्दी रहेगी साथ में स्ट्रेस एंजाइटी वगैरह सब चीजों से दूर रहेगी इन सब के अलावा लोगों से मिलेंगे लेंगे तो सोशल एस्पेक्ट के तौर पे भी उनके अंदर काफी सारा चेंजेज आएंगे और अगर बच्चा स्टार्टिंग डेज से हेल्थ पे बहुत ज्यादा सीरियस रहेगा तो आने वाले टाइम में वो कभी भी जाके किसी भी गलत चीजों में नहीं पड़ेगा गलत चीजें मतलब कि यार ड्रिंक करना स्मोकिंग करना इन सब चीजों से दूर रहेगा क्योंकि उसको ये मालूम रहेगा कि मेरे हेल्थ के लिए बहुत ज्यादा डेंजर है कौन सी एक्टिविटी इन टाइम पे करना चाहिए तो याद रखो रिक्रिएशन एक्टिविटीज कर सकते हो फिजिकल एजुकेशन के रिगार्डिंग जो भी एक्टिविटीज आपके एजुकेटर आप लोग को गाइड कर रहे हैं वो कर सकते हो कुछ ऐसी एक्सरसाइजस कर सकते हो जो फैमिली के साथ आप लोग कर सको ग्राउंड पे जाके लाइक रनिंग करना जॉगिंग करना और वेरियस टाइप के गेम्स आप लोग खेल सकते हो जैसे कबड्डी हो गया खोखो हो गया जो फैमिली के साथ भी आप खेल सको कॉलोनी में बच्चों के साथ खेल सको या क्रिकेट फुटबॉल वगैरह भी आप लोग इसके अंदर एक्टिविटी के फॉर्म में ला सकते हो अब अगर बात करते हैं एडल्ट की जो कि 18 टू 64 यर के एज ग्रुप के लिए है यहां पे जो इंटेंसिटी है वो मॉडरेट टू विगर अस होनी चाहिए देखो एक चीज समझो अब जो ज्यादा स्ट्रांग है और वो तो एकदम एक्सट्रीम टाइप की एक्सरसाइजस कर लेगा बट जो बेचारा कमजोर है हो सकता है बहुत ओबेज हो तो वो एकदम से तो इंटेंस एक्सरसाइज करेगा नहीं तो उसके लिए उस टाइम पे उसको मॉडरेट टाइप की एक्सरसाइज करना पड़ेगा तो ये ना कस्टमाइज करना पड़ेगा ये सिर्फ एक गाइडलाइंस है आप अपने अकॉर्डिंग कस्टमाइज भी कर सकते हो इन गाइडलाइंस को तो इसमें कैसे एक्टिविटीज आप लोग को परफॉर्म करनी है अब आप बड़े हो चुके हो तो यहां पे आप लोग को मसल ट्रेनिंग पे ज्यादा फोकस करना है एरोबिक फिजिकल एक्टिविटी टीज पे भी फोकस करना है सो दैट आप लोग की फ्लेक्सिबल बॉडी की इंप्रूव हो सके क्योंकि रेंज ऑफ मोशन ज्यादा रहेगा तो आप लोग को कभी भी इंजरी नहीं आएंगी एक्टिविटीज आप लोग को कितने देर करना है तो 150 टू 300 मिनट पर वीक आप लोग को करना है मॉडरेट इंटेंसिटी की एक्सरसाइज या फिर 75 टू 150 मिनट की विगस इंटेंस एक्सरसाइज आप लोग को करनी है इसमें जो मसल स्ट्रेंथ निंग एक्टिविटीज होगी उसमें आप लोग को ये जरूर ख्याल रखना है कि आपकी जो मेजर मसल्स है उसका यहां पे डेवलपमेंट हो उसके लिए आप लोग को बेंच प्रेस जैसी स्कट जैसी एक्सरसाइजस को परफॉर्म करना पड़ेगा जिसको आप लोग को एटलीस्ट दो या दो से ज्यादा दिन परफॉर्म करना है मतलब जिम जाते हो तो एटलीस्ट छ दिन वहां पे आप लोग की एक्सरसाइज हो जा रही है मेजर मसल्स की तो वो आप लोग के लिए इंपॉर्टेंट रहे इसके क्या बेनिफिट है रेगुलर एक्सरसाइज करोगे तो डिसीसेस से बचोगे इसमें कोई भी नाम लिख दो यार कोई भी जो तुम्हारे दिमाग में आए डायबिटीज लिख दो कैंसर लिख दो ब्लड प्रेशर का इशू लिख दो जो लिखना लिख दो देखो फिजिकल एक्टिविटीज करने से सारी डिसीसेस दूर हो जाती है तो आप अपनी मर्जी से भी लिख सकते हो रटने की जरूरत नहीं है कुछ भी मस्त प्लानिंग और एक्टिविटीज कौन सी करी जा सकती है तो जिम के अंदर जो आप लोग को मेजर एक्सरसाइज देखने को मिलती है वो कर सकते हो या अगर आप चाहो तो स्पोर्ट्स में पार्टिसिपेट कर सकते हो गेम्स खेल सकते हो आपकी मर्जी बस मेजर तुम लोग को ना इस पूरे के पूरे चार्ट में क्या याद रखना है एक्सरसाइज का टाइमिंग क्या है और थोड़ा सा लॉजिक यूज करना है कि छोटे बच्चे हैं तो ज्यादा टफ वाली एक्सरसाइजस नहीं करवाना अब जैसे-जैसे वो बड़े होंगे वैसे-वैसे मसल ट्रेनिंग पे फोकस कराना जैसे-जैसे बूढ़े होंगे तो थोड़ा कम करवा देना फिर से ये चीज पे आपको फोकस करना है अब वही बात कर रहा था 65 के अबब वालों की तो यहां पे भी मॉडरेट टू विकस हो सकता है भाई देखो कुछ बूढ़े लोग ऐसे रहते हैं जो बहुत ज्यादा कमजोर हो जाते हैं एक स्पेसिफिक एज में आके बट उसी स्पेसिफिक ए एज में कोई सेकंड पर्सन जो उस टाइम पे भी फिट रहता है उसके अकॉर्डिंग आप लोग को यहां पे इंटेंसिटी रखनी पड़ेगी एक्टिविटीज कैसी रखनी है तो बुजुर्ग हो चुके तो मसल्स यहां पे मसल लॉस होने लग जाता है इस वजह से मसल स्ट्रेंथ निंग एक्सरसाइजस पे फोकस कराना है कुछ एरोबिक फिजिकल एक्टिविटीज पे यहां पे फोर्स फोर्स उनको कराना है अब बुजुर्ग हो चुके तो बुजुर्ग लोग का ना बैलेंस बिगड़ने लग जाता है तो ऐसी एक्सरसाइजस कराना है जिसमें कि बैलेंस एनहांसिंग हो सके उनकी एक्टिविटी का टाइम पीरियड भी सेम रहेगा जैसे इससे पहले था 150 टू 300 मिनट मॉडरेट के लिए और अगर विगर्स कर रहे हो तो 75 टू 150 मिनट सेम यहां पे भी आप लोग मसल ट्रेनिंग कर सकते हो वीक में दो या दो से ज्यादा बट याद रखना कि यहां हैवी वेट आपको नहीं लिफ्ट करना है क्योंकि बुजुर्ग हो चुके मसल्स में इतनी ज्यादा पावर नहीं तो नॉर्मल वेट लिफ्ट आप लोग को करना है बैलेंस एक्सरसाइज आप लोग करवा सकते हो वीक में एटलीस्ट तीन दिन ये इनके लिए बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट रहेगी क्योंकि पुअर मोबिलिटी हो जाती है ओल्ड एडल्ट के अंदर उसको आप लोग को बेटर करना है तो ये कराना बहुत जरूरी है बेनिफिट क्या होंगे तो बेसिक सी बात है फिजिकल एक्टिविटी परफॉर्म करने में जो बेनिफिट होते हैं वो सभी के सभी यहां डाल देना अपनी मर्जी से एक्टिविटी की बात करी जाए तो यहां पे याद रखना एकदम डेंजर वाली एक्सरसाइजस नहीं कराना जो एडल्ट लोग कर रहे थे नॉर्मल एक्सरसाइज आप लोग को कराना है इंक्लूडिंग आप लोग गार्डनिंग हो गया उसको भी इंक्लूड कर सकते हो क्योंकि वो भी एक किस्म की एक्सरसाइज ही है तो आई होप तुम लोग को यहां तक ये सारी चीजें समझ में आ गई होगी मैं जानता हूं थोड़ा सा बोर टॉपिक लगा होगा ये बट एक चीज थोड़ा सा इसमें लॉजिकली समझने की कोशिश करो छोटा बच्चा है छोटे बच्चे की स्टार्टिंग टाइम पे ग्रोथ होती है इस वजह से उसको भी एक्सरसाइज में इंडल्स किया जा रहा है सो दैट एक प्रॉपर ग्रोथ हो सके बट याद रखना जितना छोटे रहेंगे बच्चे उस टाइम पे उतनी ज्यादा नॉर्मल टाइप की आप लोग को एक्टिविटी करवानी है जैसे-जैसे बच्चा बड़े होने लग जाएगा वैसे-वैसे आप लोग को एक्सरसाइज में चेंजेज लाना है और जैसे-जैसे एडल्ट हो चुका है तो अब उसके पास तो पूरी ताकत है आप वेट लिफ्टिंग कराओ जो कराना है कराओ लेकिन जैसे-जैसे बुजुर्ग होने लग गया तो वेट लिफ्टिंग वगैरह थोड़ा बहुत करवाना है लेकिन नॉर्मल चीजों के फॉर्म में ऐसा नहीं है कि एकदम ही उनको स्कड्स करवा रहे हैं 120 130 नॉर्मल वेट ट्रेनिंग करवाओ सफिशिएंट रहेगा उनके लिए और बुजुर्ग होने लग जाते तो बैलेंस बिगड़ने लग जाता है तो बैलेंस को बनाने के लिए भी और वापस से मोबिलिटी को एनहांस करने के लिए एक्सरसाइजस करवाना पड़ता है आई होप क्लियर है तो मेरे ख्याल से तुम लोगों को यहां तक ये सभी चीजें क्लियर हो चुकी होंगी अब बढ़ते हैं नेक्स्ट टॉपिक की तरफ जिसका नाम है कॉमन पोस्टल डिफॉर्मिंग मतलब ये कि जो जो आप लोग को आज के टाइम पे ना बॉडी के पोचर में लोगों के अंदर दिक्कत देखने को मिलती है अब देखो जैसे नॉर्मल चलना चाहिए इंसान वैसा नहीं चल रहा टेढा मेड़ा चल रहा है तो कुछ ना कुछ तो दिक्कत है तो आइए जानते हैं कौन-कौन से ऐसे कॉमन पोस्चरल डिफॉर्म होते हैं उसको देखते हैं तो सबसे पहली चीज पोस्चर क्या होता है तो पोस्चर मतलब बॉडी का जो एक प्रॉपर अलाइन मेंट है जिसमें आप लोग एक अच्छे तरीके से गुड लुकिंग इंसान दिखते हो जिसको देखकर यार कोई भी पसंद कर लेता है वाओ क्या लड़का है वेरी हैंडसम बॉय इससे तो बहुत मजा आएगा तो बेसिकली पोचर इज द अलाइन मेंट ऑफ द बॉडी एंड द पोजीशन ऑफ इट्स लिम वाइल स्टैंडिंग सिटिंग वॉकिंग एंड ले तो मेरे ख्याल से यहां तक ये क्लियर है बट पोस्चर जरूरी नहीं है सिर्फ चलते टाइम बैठते टाइम भी एक प्रॉपर पोस्चर होना चाहिए सोते टाइम भी प्रॉपर पोस्चर होना चाहिए योगा करते टाइम भी एक प्रॉपर पोस्चर होना चाहिए जिसको हम लोग आसन कहते हैं तो ये पोस्चर बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है क्योंकि ये आप लोग को बॉडी के पोजीशंस के बारे में समझाता है वाइल स्टैंडिंग सिटिंग वॉकिंग या कोई भी टाइप की एक्टिविटी करते टाइम उसी को कहते हैं पोस्चर पोस्चर्स दो टाइप के हो सकते हैं एक होता है स्टैटिक पोस्चर मान लो आप सोए हुए हो बैठे हुए हो इस टाइम पे जो आपका पोस्चर रहेगा उसको कहेंगे स्टैटिक पोस्चर मतलब कि बॉडी जब रुकी हुई है उस टाइम पे किस टाइप का आपका पोस्चर है अब कई लोग यार नॉर्मली क्लास में ऐसा बैठ रते कई लोग ऐसे हो जाते हैं तो यार अपना अपना पोस्चर है डायनेमिक पोस्चर की अगर बात करी जाए दौड़ते भागते वक्त जो आप लोग का पोस्चर है वो जैसे लड़के लोग तो सीधे दौड़ते लेकिन लड़किया लोग तो ऐसे ऐसे ऐसे तो बस उसी के बारे में आप लोगों को बता रहा हूं इसी को कहते है डायनेमिक पोस्चर तो जैसे मैं आप लोगों को कह रहा था ना पोस्चर के बारे में तो देखो ये गुड पोचर है और ये बैड पोस्चर है ये देख रहे हो आप लोग पुष्पा राज झुकेगा नहीं वो गलत पोस्चर में आप उसके कंपैरिजन में एक सही पोस्चर में अब ये पोस्चर जो खराब हो चुका है इस किस टाइप से पोस्चर खराब होते उसके कैटेगरी को हम लोग को जानना है इस चैप्टर में तो सबसे पहला जो आपका आपको पोचर डिफॉर्मिंग आता है उसका नाम है स्पाइनल कर्वेचर मतलब आपकी स्पाइन के अंदर किसी भी टाइप का कर्व आ गया टेढ़ मेढ़ी हो गई है स्पाइन तो उसके वजह से पश्चर में डिफॉर्मिंग कर्वेचर वाली पोचर की डिफॉर्मिंग तो सबसे पहला होता है काइफास्कोलियोसिस ऐसे झुकझुक के चलती है क्योंकि उनको काफोटो हो चुका है तो इसको हम लोग फॉरवर्ड राउंडिंग ऑफ बैक या हंच बैक के नाम से भी जानते हैं तो बेसिकली अगर आप चाहो तो डिटेल में भी एग्जाम में लिख करर आना बायो के पॉइंट ऑफ व्यू से तो लिख सकते हो नहीं तो फिजिकल एजुकेशन का पेपर दे रहे हो तो इतना ज्यादा डिटेल में नहीं भी लिखोगे कि ये क्यों हो रहा है कौन सी मसल में हो रहा है तो भी दिक्कत नहीं है लेकिन अगर आपको ऐसा लगता है कि नहीं भैया हम तो यार तूफानी बनना चाहते तो आप लोग यार याद कर लेना नेक टोसो नो मेस्टो बैक्टर लले एंड मेजर माइनर ये ना श्रंग ड हो जाते प्रोनंसिएशन अगर टेढ़ा मेढ़ा हो तो माफी चाहता हूं बिकॉज मैं बाय वाला नहीं इसके अलावा मसल्स ऑफ बैक नेक और अपर पार्ट ऑफ वेस्ट जो है और ये जो तीन-चार मसल्स आप लोग को देखने को मिल अगर आप लोग चाहो तो इन नाम्स को यूज कर सकते हो अदर वाइज कोई दिक्कत नहीं है बस याद रखना एग्जाम में डायग्राम जरूर बना के आना ये बहुत इंपॉर्टेंट है इसके बाद बात कर लेते हैं ये होता कैसे है तो ड्यू टू द एब्सेंट ऑफ लाइट डेफ्नेस के वजह से एब्सेंट ऑफ न्यूट्रिशस फूड की वजह से अगर आप लोग बहुत ज्यादा शोल्डर में कुछ चीज उठा रहे हो उसकी वजह से आप लोग को ये आगे जाके प्रॉब्लम हो सकता है और आप लोग यार चलते फिरते टाइम या बैठते टाइम ऐसे हो जाते हो झुक जाते हो उसके वजह से भी ये प्रॉब्लम्स आप लोग को देखने को मिलता है जब भी मसल्स में वीकनेस आएंगी अपर बॉडी की तो आप लोग को इस टाइप का प्रॉब्लम हो सकता है तो इसको ठीक करने के लिए आप लोग कुछ इस टाइप की एक्सरसाइज कर सकते हो बैक में पिलो या सैड बैग रख लो और इस तरीके से स्ट्रेचिंग करो लगे तो आप लोग एक स्लिंग ले सकते हो उससे भी आप लोग इस तरीके से एक्सरसाइज कर सकते हो या फिर वॉल पे आप लोग को लटक जाना है और अपनी बॉडी को आगे की तरफ खींचना है क्योंकि देखो आप आगे हो चुके हो तो आपको पीछे होना है तो ऐसे एक्सरसाइज करना पड़ेगा जिससे आप लोग सीधे हो सके अनुरानन नवरासंगल कर सकते हो जिससे कि आप लोग ठीक हो सकते हो अगला होता है लॉर्डोसिस तो लॉर्डोसिस में बेसिकली होता क्या है जो आपका लंबर रीजन है देखो इस तरफ वाला काइफास्कोलियोसिस तरफ झुकने लग जाती है क्योंकि आपका जो पेट है आपके शरीर से 1 किलोमीटर बाहर निकलने लग जाता है मैं आ जाऊं क्या अपनी पर इसके अलावा हिप की अगर डिसीसेस है तो उसकी वजह से भी ये प्रॉब्लम हो जाती या फिर इसके अलावा कोई उल्टी सीधी एक्सरसाइज कर लो तो भी ये प्रॉब्लम हो सकती है तो कैसे ठीक कर सकते हैं इसको तो याद रखना सेट अपस आप लोग कर सकते हो पश्चिम उत्ता असन आप लोग कर सकते हो उसके थ्रू भी आप लोग ठीक हो सकते या फिर अपने पैरों को इस तरीके से 90° में रख के रेगुलरली अगर ये एक्सरसाइज करोगे तो ठीक हो सकते हो या अगर आप चाहो तो इस तरीके से आप लोग को लेट जाना है और अपने पैर को इस तरफ लाना है और बॉडी को उस तरफ स्ट्रेच करना है जिसके वजह से भी आप लोग ठीक हो सकते हो लास्ट आपका कर्वेचर डिफॉर्मिंग आइए उसको जानते हैं तो इसका नाम है स्कोलियोसिस तो स्कोलियोसिस ना लॉर्डोसिस और काफ सिस दोनों से डिफरेंट काफिन में आप लोग आगे आ रहे थे लसिस में आप लोग पीछे चले जा रहे थे स्कॉलेस में जो आपकी स्पाइन है वो कुछ इस तरीके से लैटरल शिफ्ट ले लेती है मैं कह सकता हूं कि एक एस शेप का आप लोग का स्पाइन हो जाता है इस डिफॉर्मिंग के अंदर बेसिकली जब आप लोग चलोगे ना तो आप लोग को ऐसा लगेगा कि आप लोग ऐसे ऐसे ऐसे बदक की तरह चल रहे हो डक वॉक आप लोग कर रहे हो तो ये क्यों हो जाता है अगर आप लोग एक शोल्डर में कुछ ज्यादा हैवी वेट उठा के अगर आप लोग चल रहे हो तो ही आप लोग को देखने को मिल सकता है बोन के डिसीसेस है उसके वजह से देखने को मिल सकता है अगर आपके मसल्स में वीकनेस आ गई उसकी वजह से आप लोग को देखने को मिल सकता है और उल्टी सीधी एक्सरसाइज करने की वजह से भी प्रॉब्लम्स हो जाती है कैसे ठीक कर सकते हैं तो पुलअप्स आप लोग अगर रेगुलरली करोगे तो ठीक रहोगे इसके अलावा अगर आप लोग बैंड होंगे अपोजिट डायरेक्शन में डिफॉर्मिंग के तो आप ठीक हो सकते हो या अगर आप लोग सोते वक्त पिलो यूज करो डिफॉर्मिंग के अगेंस्ट तो आप ठीक हो सकते हो या अगर आप लोग चाहो तो इस तरीके से पुल अप या इस तरीके से स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हो जिसके वजह से भी आप लोग इसमें ठीक हो सकते हो नेक्स्ट है आप लोग का नोकनी नोकनी एक ऐसे टाइप की डिफॉर्मिंग जिसमें आप आप लोग की नीज में डिफॉर्मिंग नीज में स्टैंडिंग पोजीशन में इंसान एकदम नॉर्मल दिखता है बस नॉक नीक में प्रॉब्लम क्या होता है जो नीज है आप लोग की वो अंदर की तरफ नॉक नॉक करने लग जाती है मतलब टकराने लग जाती है चलोगे तो नीज एक दूसरे से टकराती है ऐसे टाइप की प्रॉब्लम को कहते हैं नॉक नी जिसमें नीज एक दूसरे को टच करने लग जाती है वाइल वाइल इन स्टैंडिंग पोजीशन तो क्या कॉसेस है डेफिशियेंसी ऑफ विटामिन डी की वजह से होता है कैल्शियम की डेफिशियेंसी की वजह से होता अगर मोटापा कुछ ज्यादा हो गया तो उसके वजह से भी नोकनी होता है आप चेक करना किसी भी बहुत मोटे पर्सन को उसके अंदर आप लोग के नोकनी ज ऐसा प्रॉब्लम देखने को मिलेगा अगर आपको फ्लैट फूट है तो उसकी वजह से भी ये प्रॉब्लम हो जाएगा या अगर आप लोग बचपन में बहुत हैवी हैवी वेट वगैरह उठाया करते थे तो उस वजह से भी ये प्रॉब्लम हो जाता है रेमेडी क्या है इसकी तो पद्मासन गोमुखासन अगर आप लोग परफॉर्म करते हो डेली तो उसको आप ठीक कर सकते हो या फिर हॉर्स राइडिंग करके भी आप इसको ठीक कर सकते हो सोते वक्त अगर आप पिलो यूज करोगे नीज के बीच में तब भी ये ठीक हो जाएगा अगला होता है बोलक बोलक ना नॉक नी के एकदम अपोजिट है वहां नीज एक दूसरे से टकरा रही थी यहां पे नीज एक दूसरे से बहुत दूर-दूर चल जाती है मतलब मान लो नॉर्मल नीज ऐसी है तो नॉर्मल नीज से बाहर की पोजीशन ले लेती नहीं उसको कहते हैं बोल क्या इसके कॉसेस हो सकते हैं कैल्शियम की डेफिशियेंसी फास्फोरस की डेफिशियेंसी की वजह से आप लोग को देखने को मिलेगा ओबेसिटी अगर आप लोग को हो चुकी है बहुत ज्यादा तो आपको देखने को मिल सकता है छोटे बच्चों के अंदर जब वो मतलब चलना नहीं सीखते ना उस टाइम पे भी आपको बोलग देखने को मिलता है और कैसे ठीक किया जा सकता है तो अगर आप लोग एक प्रॉपर बैलेंस डाइट कंज्यूम करते हैं जिसमें कि विटामिन कैल्शियम फास्फोरस का ध्यान रखोगे और एक बैलेंस डाइट कंज्यूम करोगे तो ये ठीक हो जाएगा इसके अलावा गरुड़ासन और चक्रासन के थ्रू भी इसको ठीक कर सकते हैं नेक्स्ट है आप लोग का राउंड शोल्डर राउंड शोल्डर एक ऐसे टाइप की प्रॉब्लम है जिसमें आपके शोल्डर्स जो है वो आगे की तरफ आ जाते हैं मतलब कि ये नॉर्मल टाइप के आप लोग को एक पोस्चर देखने को मिल रहा है इसमें शोल्डर्स जो है वो आगे की तरफ आ जाना काइ फोसे से इसको कंपेयर मत करना वहां पे स्पाइन आगे आ रही थी यहां शोल्डर्स आगे आ रहे तो ये रहा नॉर्मल पोचर और ये रहा राउंड शोल्डर वाला पोचर जिसमें कि आप लोग के शोल्डर आगे आ ज्यादातर आप लोग को बहुत लंबी हाइट वाले लड़के रहते हैं ना उनके शोल्डर्स ऐसे झुक जाते हैं या फिर लड़कियों को इंप्रेस करने के चक्कर में टाइट क्लोथ्स वगैरह आप लोग पहन कर जा रहे हो तो ऐसे टाइप का प्रॉब्लम आप लोग को देखने को मिल सकता है अब ये क्यों हो जाता है तो याद रखना पहली चीज तो ये हेरिडिटी के वजह से भी आप लोग को देखने को मिलता है दूसरी चीज बहुत लंबी हाइट होना और एकदम दुबले होने की वजह से भी ये प्रॉब्लम देखने को मिलता है इसके अलावा अगर आप लोग बहुत हैवी वेट वगैरह लिफ्ट कर रहे हो या उठा रहे हो ऊपर ऐसा रख के तो भी आप लोग को ये हो सकता है एक ही जगह पे बहुत देर तक बैठने की वजह से भी आप लोग को देखने को मिल सकता है और अगर आप लोग बहुत टाइट कपड़े पहनकर रहते हुए किसी को इंप्रेस करने के चक्कर में कि यार मसल्स दिखेगी तो याद रखना तब भी ये प्रॉब्लम हो जाए तो क्या रेमेडीज हो सकती है तो याद रखो आप लोग को पुलअप्स करना है वॉल स्ट्रेचिंग करना है स्ट्रेच स्ट्रेंथ निंग करना है प्लैंक करना है चक्रासन धनुरासन इसके थ्रू आप इसको ठीक कर सकते नेक्स्ट टॉपिक है आप लोग का फ्लैट फुट ये जो आप लोग को देखने को मिल रहा है ये नॉर्मल फुट है आप लोग का मतलब कि देखो हर किसी के पैर में ना इस तरीके से एक कर्व आपको देखने को मिलता है ये जो कर्व ना एक किस्म से सस्पेंशन के तौर पे काम करता है आपकी बॉडी के लिए मतलब जो भी प्रेशर आएगा वो एजर्टन की हड्डियों पे असर नहीं होता है अदर वाइज वो चिटकनी है टूट सकती है तो अगर ये जो कर्वेचर है ये नहीं रहेगा और एकदम फ्लैट हो जाएगा आप लोग का पैर तो उसको फ्लैट फुट कहते हैं फ्लैट फिट कहते हैं यार देखो जब पानी में आप लोग ऐसे करोगे और सूखी जगह पे पैर मारोगे तो आप लोग देखोगे कुछ इस तरीके से आप लोग का फिट बनने की कोशिश करता है ये नॉर्मल है और जब आप लोग का पूरा इस तरीके से फट आप लोग का देखने को मिले तो वो क्या है आप लोग का फ्लैट फुट है अब बेसिकली ऐसा हो क्यों जाता है अगर आप लोग बहुत ज्यादा मोटे हो तो आपका जो बॉडी का प्रेशर है वो पूरी तरीके से पैरों में आता है और तब जाके आप लोग को प्रॉब्लम देखने को मिल सकती है अगर आप लोग को ये प्रॉब्लम नहीं भी था उसके बावजूद भी आप लोग उल्टे सीधे साइज के शूज पहन रहे हो किसी को इंप्रेस करने के चक्कर में जॉर्डन नाइकी के फर्स्ट कॉपी शूज पहन रहे हो एक-एक दो दो लाख वाले शूज और स्कूटी पेप से जा रहे हो आप लोग उसको लेने तो आपको क्या लग रहा है कि उसको ये समझ में आएगा कि आपके पास 5 लाख का जूत है वो तो आपको यही बोलेगी ना कि भाई वो जूता बेचकर एक पल्सर ही ले ले अब इसके रेमेडी क्या है कैसे ठीक कर सकते हैं तो आप लोग अगर हील्स या टो के बल पे चल लोगे तो ये ठीक हो सकता है स्किपिंग रोप्स करोगे या जंपिंग करोगे तो इसको ठीक कर सकते हो कुछ इस तरीके की आप लोग एक्सरसाइजस परफॉर्म करते हो तो भी इसको ठीक कर सकते हैं तो मेरे ख्याल से तुम लोग को यहां तक ये चीजें क्लियर हो चुकी होंगी अब बढ़ते हैं नेक्स्ट टॉपिक की तरफ नेक्स्ट टॉपिक है आप लोग का वुमन का किस तरीके से पार्टिसिपेशन स्पोर्ट्स के अंदर आप लोग को देखने को मिलता है जैसे कि आप लोग जानते हो कि स्टार्टिंग डेज में जब एशियंट ओलंपिक स्टार्ट हुआ था तब भी वूमन का पार्टिसिपेशन आपको नहीं देखने को मिला था जब फर्स्ट टाइम मॉडर्न ओलंपिक स्टार्ट हुआ था बहुत सदियों बाद तब भी आप लोग को वुमन का पार्टिसिपेशन स्टार्टिंग डेज में भी देखने को नहीं मिला था आप जानते हो वूमेंस को सदियों से सप्रे करते हुए आया गया है सेकंड क्लास सिटीजन के तौर पे ट्रीट किया गया है बट धीरे-धीरे हमारे इस मॉडर्न सोसाइटी ने वुमन के पार्टिसिपेशन को हर फील्ड में बढ़ाना शुरू कर दिया तो इसी तरीके से स्पोर्ट्स के अंदर भी आप लोग को वुमन का पार्टिसिपेशन धीरे-धीरे करके देखने को मिलने लग गया और आज के टाइम पे आप लोग वमन पार्टिसिपेशन देखने को काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है तो जब फर्स्ट ओलंपिक स्टार्ट हुआ था उस टाइम पे किसी भी टाइप का पार्टिसिपेशन नहीं था वुमन ने पार्टिसिपेट करी थी 1900 में जो ओलंपिक हुआ था ना तब उस टाइम पे 22 वुमंस ने पार्टिसिपेट करी थी इसके 100 साल बाद सिडनी में लगभग 4000 से भी ज्यादा वुमंस ने पार्टिसिपेट करी थी स्पोर्ट्स में फिर उसके 8 साल बाद आप लोगों ने ऑब्जर्व करे कि लगभग 4600 के एप्रोक्सी में वुमन का पार्टिसिपेशन रहा और ऐसे करके वुमन का पार्टिसिपेशन ग्रैजुअली बढ़ने लग गया क्योंकि दुनिया को भी ये समझ में आने लग गया कि वूमेंस का भी इंपॉर्टेंस इस दुनिया में है भाई वो भी अपनी कंट्री का नाम रोशन कर सकती है अगर अच्छे स्पोर्ट्स खेले कूदे तो तो अब पार्टिसिपेशन इंडिया में किस तरीके से रहा वो का तो ये बहुत इंपॉर्टेंट है याद रखना 1984 में पीटी उषा ने फर्स्ट टाइम ओलंपिक में पार्टिसिपेट करी थी एथलेटिक्स में बट वो मेडल वगैरह नहीं जीत पाई थी बट 2000 में कर्ण मल्लेश्वरी ने फर्स्ट वुमन ब्रॉन्ज मेडल लेकर आए फर्स्ट इंडियन वुमन बन गई जिन्ने मेडल जीती फिर ऐसे करके 2012 में तानिया नेहवाल मैरी कॉम ने ब्रॉन्ज मेडल लेकर आया 20160 के अंदर साक्षी मलिक ने पीवी सिंधू ने सिल्वर मेडल लेकर आए दीपा कमाकर ने जिम्नास्टिक का एक नया डायमेंशन ओपन करी तो ऐसे करके आप देख रहे हो आज के टाइम में बहुत सारी वुमन पार्टिसिपेशन देखने को मिल गया इंक्लूडिंग क्रिकेट में भी आप लोग देखोगे तो वुमन पार्टिसिपेशन बहुत बढ़ गया इस वजह से तो डब्ल्यू पीएल आप लोग को देखने को मिला तो ये कुछ फेमस वुमन पर्सनेलिटीज हैं इनका नाम आप लोग को याद रख लेना है बिकॉज़ जब आंसर राइटिंग करोगे तो याद रहना चाहिए एकदम कड़वा सच है भाई 20 वूमेंस के नाम में नहीं बता सकते हो जो कि स्पोर्ट्स में खेलती क्योंकि वूमेंस के पार्टिसिपेशन को उतनी तवज्जो या उतनी इंपॉर्टेंस दी नहीं जाती थी बट धीरे-धीरे करके सोसाइटी ने इन चीजों पे फोकस किया और आज के टाइम में पार्टिसिपेशन बढ़ने लग गया तो जो लड़कियां लोग इक्वलिटी की बात करती है धीरे-धीरे करके अब बढ़ने लग गया है आज के टाइम में पार्टिसिपेशन में कोई रोक टोक नहीं है तो अगर आप लड़कियां हो और ये सोचती हों कि वुमन को तो पार्टिसिपेशन नहीं कराने दिया जा रहा है ऐसा नहीं है अब पार्टिसिपेशन आपको देखने को मिल रहा है बस आपको उठना है और स्पोर्ट्स में पार्टिसिपेट करना है यार जब तक खुद से नहीं करोगे तो फिर कैसे आप लोग दूसरों की मिसाल बनोगे वही चीज हम लोग डिस्कस कर लेते हैं कि यार क्या रीजन रहा है इंडिया में कि आप लोग को स्पोर्ट्स पर्सन वुमन कैटेगरी के अंदर बहुत कम देखने को मिले बेसिक सी बात है हमारा इंडियन कल्चर जो था वो वूमेंस को बाहर निकलने नहीं दे रहा था पार्टिसिपेशन की तो छोड़ो घर से बाहर निकलने तक की आजादी नहीं तो वो सब चीजों के वजह से भी प्रॉब्लम्स आई मतलब क्या जेंडर इक्वलिटी आपको देखने को मिलती थी हमारी सोसाइटी के अंदर पेरेंट्स खुद इनकरेज नहीं करते थे कि उनकी लड़कियां बाहर जाके खीले कूदे हमारी सोसाइटी के अंदर ये आप लोग को कभी भी इस तरीके का कल्चर देखने को नहीं मिला इस वजह से भी ये प्रॉब्लम रही लेस मोटिवेशन था इंस्पिरेशन के लिए लोग ही नहीं थे इसलिए तो मैंने कहा कि अगर ये वीडियो लड़कियां देख रही हो और सच में तुम लोग अच्छा स्पोर्ट्स खेलते हो तो तो वेट मत करो यार आगे जाके हो सकता है तुम एक अच्छी स्पोर्ट्स पर्सन बन जाऊंगी और बाकी जो वूमेंस है जो हमारे इंडिया में रह रही है उनके लिए तुम इंस्पिरेशन बनो इसके अलावा मेल डोमिनेटेड कल्चर रहा इस वजह से भी आपको प्रॉब्लम देखने को मिलेगी पस कंपटीशन आपको देखने को मिला स्पेक्टर का खुद ही इंटरेस्ट नहीं था तो भाई इन्वेस्टर्स पैसे कैसे लगाते हैं हमारी जो गवर्नमेंट है उने सही तरीके की कोई स्कीम्स नहीं लेकर आई थी इनिशियल टाइम पे जिसके वजह से ये प्रॉब्लम्स देखने को मिले तो बहुत सारे फैक्टर्स हैं आप चाहो तो अपने अकॉर्डिंग भी बता सकते हो तो मैं एक छोटा सा क्वेश्चन आपको देता हूं तीन ऐसे फैक्टर्स आप अपने अकॉर्डिंग बताना इन पॉइंट्स को छोड़कर कि आपको क्या लगता है कि वुमन का पार्टिसिपेशन क्यों नहीं रहा अगर वुमन पार्टिसिपेशन स्पोर्ट्स में करती है तो उनके लिए बहुत ज्यादा बेनिफिट्स होते हैं जैसे कि फिजिकल बेनिफिट में अगर हम बात करें तो उनकी हेल्थ अच्छी होगी वेट मैनेजमेंट उनका सही रहेगा फिजिकल फिटनेस उनके अंदर रहेगी बोनस स्ट्रांग हो होगी जो एजिंग आ रही है वो डिले हो सकती है थोड़ी और मसल्स स्ट्रेंथ निंग आपको देखने को मिलेगी उनके अंदर भी साइकोलॉजिकल बेनिफिट्स भी उनके अंदर आपको देखने को मिलेंगे जो स्ट्रेस वगैरह एंजाइटी वगैरह डिप्रेशन है उन सब से वो दूर रहेंगी अपनी इमेज बना सकती है सेल्फ एस्टीम डेवलप कर सकती है और अपने कॉन्फिडेंस को बिल्ड अप कर सकती है इसके अलावा सोशल बेनिफिट भी बहुत ज्यादा होते हैं घोलेंग मिलेंगे दूसरे नए लोगों से मिलेंगे तो नई चीजें जानने की मौका मिलता है नई चीजों को समझने का मौका मिलता है सोशल एंपावरमेंट होगा टीम वर्क करना सीखें कम्युनिकेशन होगा नए दोस्त बनेंगे और अपनी आइडेंटिटी दुनिया के सामने बना सकते हैं तो ये सभी की सभी चीजें थी आई होप तुम सभी लोगों को क्लियर हुई होगी अगला टॉपिक है आप लोग का स्पेशल कंसीडरेशन तो अब ये स्पेशल कंसीडरेशन क्या होता है दोस्त स्पोर्ट्स की फील्ड में अगर आप वुमन को पार्टिसिपेट करवाते हो तो आप जानते हो कि वुमन की जिंदगी के अंदर भी काफी सारे आप लोग को चैलेंजेबल लो किसी मेल को आप लोगों ने स्पोर्ट्स के लिए तैयार कर दिए दो महीने बाद स्पोर्ट्स एक्टिविटी होने वाली है तो ऐसे कुछ बीच में कोई प्रॉब्लम्स नहीं होंगी ना जिससे कि उसकी स्पोर्ट्स की परफॉर्मेंस हिंडरलैंड मान लो यार जब इवेंट होने वाला है उससे एक हफ्ते पहले पीरियड्स आ जाए तो कहीं ना कहीं उनकी फिजियोलॉजिकल फिजिकल मेंटल हेल्थ भी अफेक्ट करेगा डेफिनेटली करेगा यार तो इसी चीज को हम लोग स्पेशल कंसीडरेशन करके रखने वाले हैं कि आखिर कौन-कौन सी चीजें हैं जिसको हम लोग को यहां पे समझना है एक स्पोर्ट्स वुमन के लिए तो ये चीज तो क्लियर है ये जो स्पेशल कंसीडरेशन है ये एकदम नेचुरल कंसीडरेशन है क्योंकि आज के टाइम में हर वुमन को ये चीज से फेस करना ही पड़ता है चाहे वो स्पोर्ट्स वुमन हो या वर्किंग एस्परेंस हो या कोई वर्किंग लेडी हो या हाउसवाइफ हो तो ये जो स्पेशल कंसीडरेशन पे हमको ध्यान देना है ये दो टाइप के हैं एक है मिनार्क और दूसरा है मेंसुरेशन डिस्फंक्शन तो सबसे पहला टॉपिक है मिनार्क तो आखिर ये मिनार्क क्या होता है तो मिनार्क एक ऐसे टाइप की कंडीशन है जिसमें कि यार फीमेल को फर्स्ट टाइम जब पीरियड्स आते हैं जब फर्स्ट टाइम जब ब्लीडिंग होती है उ को कहते हैं मिनार्क अब ये जो मिनार्क है ये जो फर्स्ट टाइम जो ब्लीडिंग आना है ये डिफर कर सकती है कंट्री टू कंट्री ऐसा माना जाता है कि जो गर्म देश रहते हैं वहां पे पीरियड्स जल्दी आ जाते हैं और जो ठंडे देश रहते हैं वहां पे पीरियड्स लेट आते हैं जो फर्स्ट टाइम जो ब्लीडिंग होती है उसका जो टाइम पीरियड रहता है वो रहता है 9 साल से लेकर 16 साल के बीच में अब कभी भी ये मत सोचना कि एग्जैक्ट टाइम पीरियड हर किसी का हो सकता है क उनके बायोलॉजिकल जेनेटिक और एनवायरमेंटल फैक्टर पे भी डिपेंड करता है कि कब फर्स्ट टाइम ब्लीडिंग होगी अब बेसिक सी बात है यार कोई एक ऐसी स्पोर्ट्स पर्सन जिसको कभी मतलब पीरियड्स नहीं आए मान लो उसका स्पोर्ट्स एक्टिविटी आने वाली है कुछ आने वाला और बीच में मिनार्क वाली प्रॉब्लम आ जाए तो कहीं ना कहीं उसकी फिजिकल परफॉर्मेंस ंडर होगी ना प्रॉब्लम्स आएगी ना फर्स्ट टाइम जब ब्लीडिंग ब्लीडिंग जब होती है भाई ब्लीडिंग तो ब्लीडिंग होती है चाहे वो किसी भी टाइप की हो जब ब्लीडिंग होगी तो काफी सारे न्यूट्रिशन की कमी आपकी बॉडी के अंदर हो जाएगी आप उतना अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाओगे जैसे आप लोग पहले कर रहे थे तो इन चीजों पे ध्यान देना जरूरी रहता है प्रॉपर न्यूट्रिशन लेना जरूरी रहता है सो दैट इन चीजों से आप लोग अपने आप को थोड़ा स्ट्रांग बना सको इसीलिए लड़की को उनकी दादी लोग कहते रहती है आप लोगों ने सुने होंगे कि यार अच्छा खाया करो अच्छी चीजें खाया करो क्योंकि ऐसे टाइम में प्रॉब्लम ना आए घी खाया करो ये सब चीजें आप लोगों ने तो सुने ही होंगे तो इसके बाद जो अगला टॉपिक है इसका नाम है मेंस्ट्रेशन डिस्फंक्शन देखो मिनार क्या है फर्स्ट टाइम जब ब्लीडिंग होती है उसको मिनार कहते हैं मेंस्ट्रेशन डिस्फंक्शन का मतलब ये कि मान लो कोई एक लेडी है उसके पीरियड्स आने वाले थे लेकिन इस महीने मिस आउट हो गए मैं कह सकता हूं एनोर्म कीज आ गई उनके मेंसुरेशन ल साइकल में उसे कहा जाता है मेंस्ट्रुएशन डिस्फंक्शन तो मेंस्ट्रुएशन डिस्फंक्शन क्या है एनर्मेक मेंस्ट्रुएशन साइकिल को मेंस्ट्रुएशन डिस्फंक्शन कहा जाता है अभी जो मेंस्ट्रेशन डिस्फंक्शन है ये बहुत ज्यादा पेनफुल होता है इस टाइम पे क्रैम्स आ जाते हैं फैटिक हो जाता है हेडेक बहुत ज्यादा होता है बैक पेन होता है टायर्ड वाली प्रॉब्लम होती है मान लो किसी वुमन को पीरियड्स ही नहीं आए अब वो नहीं आए तो बहुत सारी प्रॉब्लम्स होती है स्ट्रेसफुल लाइफ हो जाना मूड स्विंग होना बहुत सारे प्रॉब्लम्स इन सब को भी कंसीडर करके रखना जरूरी है ये प्रॉब्लम उनकी फिजिकल परफॉर्मेंस को भी ंडर कर सकती है और इस टाइम पे हाइजीन का ध्यान देना जरूरी है क्लीनर्स का ध्यान देना जरूरी है तो ये दो काफी इंपॉर्टेंट स्पेशल कंसीडरेशन थे आई होप तुम लोग को क्लियर हुए बहुत छोटे-छोटे दो-दो नंबर के क्वेश्चन आते हैं इससे ज्यादा कुछ भी नहीं है इसके अंदर अगला टॉपिक है फीमेल एथलीट राइट काफी इंपॉर्टेंट है आखिरी फीमेल एथलीट राइट क्या है आइए इसके बारे में जानते हैं तो फीमेल एथलीट राइड एक किस्म का सिंड्रोम है जो कि तीन कंडीशन पे डिपेंड करता है जैसे आप लोगों ने शुरू में देखे होंगे पहला है क्या लो एनर्जी बॉडी के अंदर हो जाना दूसरा है मेंस्ट्रुएशन डिस्टरबेंसस हो जाना और तीसरा है बोन की डेंसिटी गर जाना तो इन्हीं को रिलेट किया जाता है तीन टर्म्स है जिसको कहा जाता है ऑस्टो फोसिस अमनोरा और तीसरा है ईटिंग डिसऑर्डर तो ये सिंड्रोम आप लोग को टीनेज और एडल्ट फीमेल के अंदर आप लोग को देखने को मिलेगा जो कि बहुत ज्यादा अफेक्ट करता है उनकी ओवरल परफॉर्मेंस पे अब मान लो किसी स्पोर्ट्स पर्सन को ये प्रॉब्लम हो गई तो बहुत दिक्कत है ना भाई तो आइए जानते हैं ये प्रॉब्लम है क्या तो सबसे पहला होता है ऑस्टो फोसिस तो ऑस्टो फोसिस एक ऐसे टाइप की कंडीशन है जिसमें कि मान लो ये हेल्दी बोन है जिसको ऑस्टो फोसिस वाला प्रॉब्लम हो गया उनकी बोन के अंदर देखो डेंसिटी कम होने लग जाती है देखो कितने अजीब अजीब यहां पे छेद दिख रहे हैं मतलब बोन की डेंसिटी यहां पे कम होने लग गई और जब बोन की डेंसिटी कम हो जाती गई इसका मतलब क्या मान लो कोई स्पोर्ट्स वुमन खेल रही है बैडमिंटन और गलती से हाथ झटक गया या फिर लग गया कुछ चोट लग गई इंजरी हो गई तो जल्दी से फ्रैक्चर आने की कंडीशंस रह सकती है तो ऑस्टो फोसिस एक ऐसे टाइप का प्रॉब्लम है जिसमें कि बोन की डेंसिटी कमजोर हो जाती है यहां पे बोन वीक हो जाती है बोन की डेंसिटी लो हो जाती है जिस वजह से फ्रैक्चर इजली आ सकते हैं तो ये बहुत ही ज्यादा प्रॉब्लेम मेटिक सिचुएशन है आपने वो ऐड देखे होंगे ना एक हॉरलिक्स आता है फिर बोन मीटा आता है जिसमें ऐड आता रहता है कि 40 के बाद हड्डियां कमजोर होने लग जाती है वुमन की तो वो वूमन हॉरलिक्स फिलाए तो उसका मेन काम यही है अब ये प्रॉब्लम कब देखने को मिल सकता है जब एस्ट्रोजन लो होने लग जाए वुमन की बॉडी के अंदर एस्ट्रोजन फीमेल हार्मोन है जैसे मेल के अंदर टेस्टोस्टरॉन होते हैं और अगर ये कंडीशन अगर ठीक नहीं हुई तो ये स्पोर्ट्स परफॉर्मेंस को खराब कर देगी और उस स्पेसिफिक स्पोर्ट्स वुमन का करियर खराब हो जाएगा आगे जाके तो इन चीजों पे फोकस करना जरूरी है इसको हम लोग ज्यादा से ज्यादा जल्दी से जल्दी ट्रीट कर सके स्टार्टिंग से उसको ध्यान देते हुए चले अब क्या कॉसेस हो सकते हैं तो लो एस्ट्रोजन लेवल की वजह से हो सकता है पुअर न्यूट्रिशन की वजह से हो सकता है तो इन सभी चीजों की वजह से प्रॉब्लम देखने को मिलता है इसी के साथ-साथ कैसे ठीक किया जा सकता है अगर कैल्शियम रिच डाइट कंज्यूम करें प्रोटीन रिच डाइट कंज्यूम करें विटामिन डी को कंज्यूम करें चाहे तो सनलाइट से या फिर सप्लीमेंट के थ्रू तो इसको ठीक किया जा सकता है इसी के साथ-साथ स्मोकिंग अल्कोहल कंसंट हमको नहीं करना है अगर करोगे तो ये प्रॉब्लम हो जाएगी वीकली चेकअप कराते रहना चाहिए ऑस्टो फोसिस वाले प्रॉब्लम के लिए और साथ ही साथ रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी परफॉर्म करते रहना चाहिए सो दैट ये प्रॉब्लम ना हो सके अगला होता है अमनोरा अब देखो अमनोरा और मेंसुरेशन डिस्फंक्शन में काफी लोग कंफ्यूज हो जाते हैं मेंसुरेशन डिस्फंक्शन मतलब कि पीरियड्स इरेगुलर हो जाना अब अमनोरा क्या है अमनोरा का मतलब ये कि अगर कोई स्पोर्ट्स वुमन इंटेंस एक्सरसाइज कर रही है एक्सरसाइज एक्सरसाइज एक्सरसाइज एक्सरसाइज लेकिन जितनी वो कैलोरी बर्न कर रही है उतना वो खाना नहीं खा रही है और जब वो खाना नहीं खाएगी अच्छे से और ज्यादा एक्सरसाइज करेगी तो क्या होगा कमजोरी आ जाएगी और इसी कमजोरी के चक्कर में उस स्पोर्ट्स वुमन के अंदर मेंस्ट्रेशन डिस्फंक्शन हो जाते है पीरियड्स इरेगुलर हो जाते हैं क्लियर दोस्तों अमनोरा समझ में है मतलब क्या इंटेंस एक्सरसाइज करे जा रहे हैं करे जा रहे हैं लेकिन खाना ढंग से नहीं खा रहे जिस वजह से हार्मोन के अंदर इंबैलेंस मेंट आ जाएंगे और इरेगुलर ब्लीडिंग इरेगुलर पीरियड्स यहां पे आप लोग को देखने को मिल जाएंगे या पीरियड्स स्टॉप ही हो जाएंगे ऐसे टाइप की प्रॉब्लम रहती है तो इस कंडीशन को कहते हैं अमनोरा तो अमनोरा की कंडीशन में हेयर लॉस देखने को मिलता है हेडेक देखने को मिलता है और कई बार तो विजन यहां पे खराब हो जाता है साथ ही साथ फेशियल हेयर्स आप लोग को आ जाते हैं तो ये बहुत ही ज्यादा सीवियर प्रॉब्लम है तो अगला टॉपिक है डिंग डिसऑर्डर तो कई एथलीट ऐसी रहती है जो अपनी परफॉर्मेंस को इंप्रूव करने के लिए अपने वेट को लूज करना चालू कर देती है और लूज करने के चक्कर में सफिशिएंट अमाउंट की कैलोरी भी कंज्यूम करना भूल जाती जिसके वजह से उनकी बॉडी के अंदर ढेर सारी डेफिशियेंसी तरीके से कंज्यूम नहीं करी जाएगी स्पेसिफिक आपके डाइट चार्ट के अकॉर्डिंग भी कंज्यूम नहीं की जा रही है तो फिर न्यूट्रिएंट की कमी हो जाएगी फिर बॉडी कमजोर होने लग जाएगी तो कई अलग-अलग तरीके हैं जिसके थ्रू य ईटिंग डिसऑर्डर वुमंस करती है आइए जानते हैं इसको तो सबसे पहला होता है एनरॉक्स नर्वोसा ये क्या होता है इसमें क्या होता है वुमन एक दिन उठेगी नींद से और देखेगी अरे मेरा वेट बढ़ गया अब मैं क्या करूं तो क्या करने लग जाती है वुमन आज से खा खाना बंद सुबह का खाना बंद शाम का खाना बंद दोपहर का खाना बंद अरे तो खाएंगे कब फिर भाई जान कुछ ज्यादा नहीं हो गया ये ऐसे टाइप का जो आप लोग को ईटिंग डिसऑर्डर इसे कहा जाता है एनरॉक्स नर्वोसा जिसके अंदर लोगों को लगने लग जाता है अरे मैं तो बहुत मोटी हो रही हूं उस चक्कर में वो लोग खाना बंद कर देते हैं किसलिए कि वो मोटे ना हो जाए तो अगला होता है बुलम या नर्वोसा तो ये एक ऐसे टाइप का डिसऑर्डर है जो फीमेल एथलीट करती है कि यार उनका दिल भी हो रहा है गुलाब जामुन खाने का दो गुलाब जामुन खाए और जाके उल्टी कर द है मतलब खाते से उल्टी कर दि है तो इससे क्या हुआ कि यार शरीर को तो लगा कि गुलाब जामुन खा लिए लेकिन वो गुलाब जामुन अंदर नहीं गए बाहर आ गए और वो पेट में जाकर फिर बॉडी को यार मतलब कि ंडर भी नहीं करें लेकिन ये बहुत ज्यादा सीवियर प्रॉब्लम है ऐसा नहीं करना भाई कि खाली और उल्टी कर रहे हैं इससे बहुत सारी प्रॉब्लम्स आ सकती है आपकी बॉडी के अंदर तो इसे कहा जाता है बुलम या नर्वोसा इसमें बेसिकली क्या रहता है कि आप लोग एक्सेसिव अमाउंट में फूड कंज्यूम करो और बाद में जाके वोमिटिंग कर लो कि यार वेट गेन ना हो जाए तो ये बहुत ही ज्यादा सीरियस टाइप का ईटिंग डिसऑर्डर है और ऐसा भी कहा जाता है कि ये लाइफ थ्रेटनिंग भी हो सकता है भाई तो ऐसे टाइप की उल्टी सीधी हरकतें नहीं करना है कि आप लोग खुद से जानबूझ के वोमिटिंग कराने की कोशिश करो गे तो ये बहुत ज्यादा प्रॉब्लमैटिक रहेगा तो आई होप तुम सभी लोगों को चीजें समझ में आ गई होंगी इसके बाद आप लोग को बस ये एमसीक्यू जो मैंने आप लोग को प्रोवाइड कर रहा हूं इन सभी लोग को इत्मीनान से पॉज कर कर के आंसर करना है और कमेंट बॉक्स में बताना है कि कितने क्वेश्चंस आप लोगों ने सही करे और सही क्वेश्चंस के आंसर्स आप लोग को पिंड मिल जाएंगे वहां से जाके आप चेक आउट कर सकते हैं इन सब के अलावा थैंक यू सो मच चैनल में बने रहने के लिए चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लेना और मेरे नोट्स अच्छे से रिवाइज कर लेना मेरे प्रीमियम नोट्स की लिंक डिस्क्रिप्शन में गिवन है चाहो तो एप्लीकेशन से डाउनलोड कर लो या वेबसाइट से बस अच्छे से रिवाइज कर लो रिवीजन कर लोगे तो अच्छे मार्क्स आप लोग स्कोर आराम से कर सकते हैं तो चलिए मिलता हूं नेक्स्ट वीडियो में जब तक के लिए गुड बाय