जितने लोग जिन्दा हैं वो परमीशन देते हैं एक दूसरे को कि उनके मरने के बाद कोई भी उनकी डेट बॉडी को खा सकता है। जो को पालेट था वो कहता है कि ये साइड में यहीं पे बैग में एक गन पड़ी हुई है उसको निकाल के मुझे गोली मार दे। ज प्लेन के अंदर उनकी लिप्स टिक और नेल पेंट घटा करते हैं और प्लेन की छट पर ऐसा लिखना स्टार्ट करते हैं कुछ लोगों ने तो जो सीट का लेथर कवर होता है उसको खाना स्टार्ट कर दिया था जो लोग हेसिटेंट थे अपने यार थी चारों तरफ स्नो गिर रही थी जीरो डिग्री टेंपरेचर था जिन लोगों का वेट 80 किलों तक था उनका वेट तक 30-40 किलों तक रहे हैं देखिए जो एंडीस की कहानी है ये काफी यूनीक और इंटरस्टिंग है जो मैं अभी आगे आपको बताऊंगा लेकिन उससे पहले आपको याद होगा कि मैंने उडू के बारे में आप लोगों को बताया है उडू ने कई लाखों लोगों की मदद की है अपने छोटे और इनकी 70 प्लस एप्स आपके बिजनस को हैंडल करना बहुत आसान कर देती हैं और वेडियो प्राइस अब देखिए उडू तो मेरा फेवरिट बिजनस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर बन चुका है और अगर आप उडू के बारे में और जानना चाहते हैं तो उडू 23 और 24 अ� आफ आउगस्ट को होस्ट कर रहा है इंडिया का बिगस्ट टेक एंड बिजनेस इवेंट उडू कम्यूनिटी डेज जिसमें रेनाउन इन्फ्लूइंसर्स ऑंट्रपरनोर्स टेक लीडर्स और उडू की लीडरशिप आने वाली है पूरी दुनिया से टौंटी थर्ड को फैबियन का की नोट होगा और कई सारे नॉलेजिबल सेशन्स होंगे ये कुछ लास्ट येर के ग्लिम्सेज हैं एंट्री एकदम फ्री है और इस दो दिन के इवेंट को दस हजार से जादा लोग अटेंड करने वाले हैं क्योंकि यहां मौका मिलेगा इं� टीबी होगी तो आप इसको मिस मत करियेगा रेजिस्टर यौसेल्फ इधर लिंक इन डिस्क्रिप्शन लोकेशन आफ द इवेंट इज महात्मा मंदिर कंवेंशन एंड एग्जीबीशन सेंटर गांधीनगर गुजरात तो टॉपिक पर वापस आते हैं ये देखिए ये इं� के मन्त में उरुगवे से चिली की सिटी सेंड यागो जाते थे और वहाँ पर जाकर चिली की नेशनल रगबी टीम और एक और टीम थी ओल्ड बॉय्स नाम से वहाँ पर जाकर ये फ्रेंडली मैच खेलते थे और जब ये मैच खेलने जाते थे तो ये अपने साथ फ्रेंड्स 72 को उरुगवे के करासको इंटरनेशनल एयरपोर्ट से वहाँ पर एक प्लेन था फेयर चाइल्ड एफ एच टू टू सेवन डी एक प्लेन था इसको पकड़कर मॉर्निंग में आण बजे चीली के लिए निकलना था अब यह जो प्लेन था यह कोई नॉर्मल इंटरनेशनल फ एक जगह से दूसरी जगह जा सकता था अब यह जो प्लेन था इसको उरुगवे की इस लोकेशन से चिली में यहां पर पहुँचना था और यह बीच में यहां पर थी एंडीस की पहाड़ियां जहां पर सारी चीजे हुई यह जो प्लेन था इसमें टोटल 45 पेसेंजर्स थे experience था और उर्गुए से चिली जाते टाइम एंडिस की पहाडियों में प्लैंचोन पास पड़ता था ये इस जगाँपे पड़ता था ये तो ये जो प्लैंचोन पास का जो area था ये pilot के लिए बहुत ही complicated होता था mountains रहते थे उनकी भी बहुत जादा height रहती थी कुछ mountains तो ऐसे थे इस area में जिनकी height 22,800 feet से भी जादा थी और ये जो plane था इसकी limit 22,500 feet तक ही थी इस area के अंदर जाते समय Faraday ये काफी expert था इस area में प्लेन को ले जा चुका था और उसको इस एरिया के बारे में बहुत अच्छे से पता था लेकिन जो पाइलेट था इसके साथ एक को पाइलेट भी था जिसका नाम था लेगोरा राजों की एक ट्रेनी था यह में पाइलेट था फैरड आज यह अपने इस खराब हो जाता है और जब वेदर बहुत ज्यादा खराब हो जाता तो यह लोग मजबूरी में अर्जेंटीना के मेंडोजा में ही लैंड कर देते हैं और वेट करते हैं कि वेदर सही हो जाए यह जो मेंडोजा एरिया था यह चिली से थोड़ा पहले पड़ता था ये इस जगापे देखेंगे आप तो यहाँ पे पड़ता था अब जब यहाँ पे लैंड करने के बाद ये लोग वैदर सही होने का वेट कर रहे थे तो इसी चक्कर में इनको यही मेंडोजा में सारी सारी रात निकालनी पड़ जाती है और जब ये में वाइन खरीदी थी लेकिन इनको बिल्कुल भी आइडिया नहीं था कि आगे चलकर इस वाइन की बोतल की एक-एक बून इनकी जान बचाने के काम आई थी अब इसके बाद अगले दिन यानि के 13th of October 1972 को वेदर जो था वो थोड़ा ठीक होता है तो करीब 2 बचके 18 मिनट पे पाइलेट फिर से प्लेन को उड़ाता है, चिली की तरफ ले जाता है इसको, अब थोड़ी देर उड़ने के बाद ही, करीब 3 मच के 21 मिनट पे, ये जो प्लेन था, ये प्लेन पहुँचता है, प्लेंच औन पास, अभी तक कोई यहाँ पे दिक्कत वाली बात नहीं थी, अब तीन मिनट बाद यानि के तीन बचके चौविस मिनट पे ये जो को पाइलेट था लगुरारा दुबारा से चिली के एर ट्राफिक कंट्रोलर को रेडियो से कनेक्ट करता है और कहता है कि हम इस टाइम पे चिली के क्यूरीको में पहुँच गए हैं और नौर्थ की तरफ हम ल वो नॉर्मली 11 मिनट लगते हैं वहाँ तक पहुँचने में और ये जो को पाइलेट है बस 3 मिनट बाद ही कह रहा है कि इनका प्लेइन जो है वो चिली के क्यूरीको में पहुँच गया है लेकिन सेंड डियागो के कंट्रोल में बैठा ये जो एंडिके था 10,000 फीट पे ले आओ और प्लेइन की हाइट 10,000 फीट पे लाने के लिए बोल के लोगों की जाना पूरी तरीके से खतरे में आ चुगी थी Actually हुआ ये था कि ये जो co-pilot था इसने navigation को पूरी तरीके से miscalculate कर लिया था प्लेन जो था वो इनका planchon pass पे ही था एंडिस की भाडियों में लेकिन co-pilot को लगा कि ये चिली पहुँच गए हैं और जो main pilot था वो भी इस चीज को notice नहीं कर पाता है लगते हैं वह भी ऐसे एरिया में जहां पर ऑलरेडी जो मांटेंस है उनकी हाइट बहुत ज्यादा इनको बिल्कुल भी आइडिया नहीं था कि जो इनका प्लेन है वह एंडीस की पहाड़ियों में है अब यहां से को पाइलेट जब धीरे-धीरे प्लेन की प्लेन कम एर पॉकेट से हिट करने का मतलब है कि एक ऐसे एरिया में प्लेन चला जाता है जहां पे लो एर प्रेशर था और इसकी वज़े से बहुत ज़्यादा टर्बुलेंस हो जाता है प्लेन के अंदर अब इस टर्बुलेंस की वज़े से जो अंदर पैसेंजर थे वो बहुत ज़् जाता है और आधा प्लेन तूट के 350 किलोमीटर पर आवर की स्पीड से सीधे जमीन में आपके गिरता है अब जैसे यह एक्सिडेंट होता है पांच लोगों की तो तुरण डेथ हो जाती है और जो साथ लोग थे उनका पता ही नहीं चलता है कि वो इस एक्सिडेंट के बाद कोई बेहोश था, किसी के पेट में सीट की रॉट घुस गई थी, एक पैसेंजर का जो पैर था वो तूट के बाहर निकल गया था, चारों तरफ लोग रो रहे थे, चीक रहे थे, चिला रहे थे, अब इसके बाद प्लेन के अंदर गैसोलीन टाइप की स्मेल आ रही थी, त वो लोग बाकी लोगों को प्लेन से बाहर निकालने लगे क्योंकि उनको डर लग रहा था कि कहीं ब्लास्ट ना हो जाए लेकिन बाहर निकलते हो टेंप्रेचर जीरो से भी कम था और स्नो बहुत जादा थी तो पैर जो थे वो धस रहे थे तो चलने लाग भी नहीं हो रहा थ टीशेट वगैरह पैन रखी थी कोई खास सर्दी वाले कपड़े नहीं पैन रखे थे तो यह हैंड बैक के अंदर जो चीजें बची थी सिर्फ उसी से इनका काम चल रहा था यह जो 33 पैसेंजर थे इनमें से डॉक्टर कोई नहीं था लेकिन दो लोग थे ऐसे इनका नाम था और 30 मिनट बाग करीब 4 बजे ही अंधेरा होना स्टार्ट हो गया था वहाँ पर स्नो बहुत ज्यादा गिरने लगी थी हवा बहुत तेज हो गयी थी तो जो लोग ऑलरेडी थंड से परिशान थे उनके लिए थंड और बढ़ गयी थी और चारों तरफ अंधेरा हो गया था कि उलज गई थी प्लेन के अंदर एक छोटी सी जगा में 33 लोग थे और चारो तरफ कुड़सिया थी तो किसी के लिए भी कोई जगा नहीं हो पा रही है करीब 20 फीट की जगा में 33 लोग पड़े हुए थे और बाहर एक्स्ट्रीम वेदर था तो ये लोग सारे लोग मिलक लोग डिसाइड करते हैं कि जो लोग बेहोश हो गए उनको थोड़ी देर के लिए प्लेन से बाहर कर देते हैं और जब जगह अंदर बन जाएगी तो उनको वापस कर लेंगे तो ठीक ऐसे ही करके इन्होंने प्लेन के अंदर जगह बनाई लोगों को बाहर रखा जो उनको लिटा के उनको आराम करने दिया अब ये प्लेन क्रैश तो हो गया था लेकिन ये जितने 33 पेसेंजर थे ये बहुत ही शोर थे कि प्लेन क्रैश हुआ है इसकी खबर जो है वो आसपास में फैल गई होगी और आज रात रात की बात है माकि कल तो टीम आई जाएगी बस क बेज देंगे तो और आसानी से हमें रेस्क्यू करने में आसानी होगी लेकिन कॉकपिट तक पहुंचने का जो रास्ता था वो भी सीटो से भरा हुआ था तो वहाँ पर भी पहुंचना आसान नहीं था लेकिन जैसे तैसे करके माउन को सबेला नाम का एक पैसेंजर था वो क� लेगुरारा जो था उसके पेट के अंदर इंस्ट्रूमेंट्स घुच चुके थे और वो बहुत जादा दर्श से चीख रहा था। बखते बाद उसकी बात हो गई है और जो रेस्क्यू टीम है वह बहुत ही जल्द आने वाली है जबकि एक्शन में रेडियो जो था वो कॉकपिट के अंदर डेट पड़ा हुआ था ऐसा उसने इसलिए गया ताकि लोगों का जो मॉराल है वो उपर रहे लोग परिशान ना हो तैसे अपना time काटते हैं और वहीं पर जो इनके bag में wine की bottle पड़ी थी उसमें से 5 bottle निकाल के ये लोग आपस में बाट लेते हैं अब अगले दिन यानि के 14th of October 1972 को morning होती है और snow जो थी वो काफी कम हो जाती है लेकिन राद भर के अंदर 5 लोगों की और death हो जाती है और जो co-p जाता है और कोई rescue team नहीं आती है तो ये सारे लोग मिलके एक plan मनाते हैं कि जितने दिन हमें यहां रुखना है एक plan तरीके से रहना होगा वरना बहुत जादा दिक्कत हो जाएगी तो ये लोग decide करते हैं कि plane के अंदर जितना भी खाना है कोई भी अपना अपना खाना नहीं ख जूतों के नीचे आ गए थे इन सब लोगों ने एक एक चीज इखटी करी और खाने का जो समानता एक जगह इखटा करके रख दिया और एक आदमी को जिम्मेदारी दे दी कि वही सबको बाटेगा और बराबर बाटेगा अब जो खाना था वो 28 लोगों के लिए तो बहुत ही और डियोड्रेंट का जो धक्कन होता है उसके अंदर वाइन डाल के सब को मांड देते थे अब पानी के लिए आसपास काफी स्नो पड़ी थी लेकिन टेंपरेचर की वजह से उसको मेल्ट करने में बहुत इशू आ रहा था तो जब प्यास लगती थी तो इनको खा के उसको कुछ लोग बॉटल के अंदर स्नो डाल के कई घंटों तक शेक करके उसको पानी मनाते थे और फिर अपनी प्यास मिटाते थे लेकिन ये पानी बनाने वाला जो सिस्टम था ये भी काम असान नहीं था क्योंकि आसपास जितना भी स्नो था वो पीने लाइक नहीं था जो था वो चारों तरफ फैला हुआ था प्रस ये लोग जो आसपास जाके यूरिनेट वगरा कर रहे थे तो स्नो जो था वो दूर दूर तक बहुत ही खराब हो चुकी थी और बूट वगरा थे नहीं तो किसी को थोड़ी सी भी प्यास लगती थी तो बहुत दूर जाके स्नो लेके आनी थी और फिर जाके पानी पीना था तो इन सारी चीज़ों में बहुत एनरजी लगती थी और इनको खाना नहीं मिलना था ये सिर्फ इतना ही खा पाते थे जितना जी सके तो जो सासुतरा स्नो था उसको लाके पानी आइडिया था नहीं है कितने दिन लगेंगे कब rescue team आएगी कितना wait करना पड़ेगा तो ऐसे में लोग अपनी जो energy थी उसको हर तरीके से सोच समझ के use कर रहे थे अब इदार यह सारी चीज़े चल रही थी दूसरी तरफ चिली अर्जन्टीना उर्गुय एक प्लेन गायब हो गया उसके जो पैसेंजर हैं वो भी नहीं मिल रहे हैं और जो लास्ट लोकेशन थी जो लास्ट बात हुई थी उस लोकेशन के उपर उरुगवे, चिली और अर्जन्टीना के जो प्लेन थे वो सर्च ओपरेशन जो था यह सर्च ऑपरेशन चल रहा था तो इसी बीच में एक प्लेन इनके ऊपर से निकलता है तो यह सारे लोग भाग के बहुत आदा हला करते हैं इशारे करते हैं लेकिन जो सर्च ऑपरेशन वाला प्लेन था वो देख नहीं पाता है दुबारा फिर से एक प्लेन निकलता है ल वह वाइट कलर का था और चारों तरफ वाइट पहाड़ियों के बीच में वाइट स्नो के अंदर वाइट कलर का प्लेन जो था उसके अंदर धसा हुआ था तो उसका मिलना बहुत ज़्यादा मुश्किल हो रहा था तो यह सारी चीज़ें लोग डिस्कस भी करते हैं यह प् तरीके से प्लेन के ऊपर SOS लिख दें तो शायद इन लोगों की जो नजर है वो हम पर पड़ जाए और हमें आसानी से रेस्क्यू किया जा सकते जितनी भी लड़कियां थी प्लेन के अंदर उनकी लिप्स टिक और नेल पेंट घट्टा करते हैं और जब मौसम सही होगा बर्फ कम होगी तब ढूंढ लेंगे इनको लेकिन इंटरनेशनल कंवेंशन के हिसाब से जिस कंट्री से प्लेन गायब हुआ है उसे 10 दिन तक कॉंटिनियॉसली सर्च ऑपरेशन करना होगा तो ये लोग सर्च तो कर रहे थे लेकिन उतने मन से नहीं कर रहे थे और इधर ये लोग जो वेट कर रहे थे इनका एक दिन और ऐसे निकल जाता है फिर से रात हो जाती और चारोतर अंधेरा हो जाता है और धीरे धीरे जैसे इसे दिन हो रहे थे इनकी परेशानिया बहुत जाता बढ़ रही थी अब वहाँ पे वाश्रूम वगरा तो था नहीं तो राद भर ये जो इसकी वज़ासे उस जगा पे रहना बिलकुली मुश्किल हो गया था। और इस incident के बाद 28 में सिर्फ 27 लोग बचे थे, क्योंकि इनको पता नहीं था कितना दिन लगेगा, तो खाना ये उतना ही बाढ रहे थे, जितना खाके इंसान जिन्दा रह सके, तो वो खाना बटने के बाद भी बहुत लोगों को भूग लग रही थी, और उस टाइम पे यही एक रास्ता इन लोगों को नजर आ रहा था कि अगर कैसे भी करके रेडियो अगर आउन कर लें तो शायद हेल्प आ सकती है तो जैसे तैसे करके कई दिनों के बाद मारसेलो जो था उसने रेडियो को बैटरी से कनट करके आउन कर लिया था लेकिन इसमें दिक्कत यह हो रही थी कि इदर से सिगनल नहीं जा पा रहे थे बस चिली के अंदर कुछ रेडियो स्टेशन को वो पकड़ पा रहा था तो वहाँ की जो न्यूज वगरा थी बस वो ये लोग सुन पा रहे थे इदर से कोई मैसेज नहीं जा पा रहा था और फि रोक दिया गया है अब रेडियो पर ये चीज सुनके मारसेलो जो था वो सबको इखटा करता है और कहता है कि गाईज एक गुड निउस है अब सब लोग बहुत ही खुश हो जाते हैं और जैसे ही सब लोग इखटा होते हैं तो मारसेलो कहता है कि गुड निउस ये है कि सर्च वो थोड़ा ट्राइ करते हैं कि थोड़ी दूर जाके देखें कि आगे जाके क्या है लेकिन कई किलोमीटर तक चलने के बाद भी वही वाइट स्नो चारो तरफ दिखाई दे रही थी और चलते चलते राद भी होने लगी थी तो जान बचाके ये लोग वापिस प्लेन की तर� अब इसके बाद जो खाना बचा हुआ था वो बहुत ही कम quantity का बचा था लोगों की हालत बहुत जादा खराब हो रही थी लोग दरे हुए थे कि खाना अगर खतम हो जाएगा तो एक कीड़ा तक नहीं आसपास कि उसको भी खाया जा सके अगली लाइन जो इसके बाद ये बोलते हैं यानि कि जो चीज सज़ेस्ट करते हैं उसको सुनके हर कोई हैरान हो जाता है बॉडी पड़ी हुई है उनको हमें खाना पड़ेगा और ये चीज जितना जल्दी हो सके हमें करना पड़ेगा वरना हमारे में इतनी जान भी नहीं बचेगी कि उन बॉडी तक पहुँचके उनको काट के खाने लाइक भी हम बचें लेकिन ये बात सुनके हर कोई अचम्मे म यह जो दिन था यह इन लोगों के लिए सबसे खराब दिन था क्योंकि जो भी इंतजाम इन्होंने कर रखा था वो सारी चीजें तहस नहस हो जाती हैं एक बड़ा एवलांच आ जाता है वहाँ पे और उसी एवलांच में आठ लोगों की जान चली जाती है जिन लोगों का वेट 80 किलो तक था और उनका वेट तक 30-40 किलो तक हो गया था ग्लास का टुकड़ा लेता है जो प्लेन की ग्लास का टुकड़ा कटा हुआ था उसको लेता है बाहर जाता है और जो डेट बॉडीज बाहर स्नों में फ्रीज होके दबी पड़ी थी उनको चोटे-चोटे पीस में काट के इन पीसेस को उठाकर लेकर आता है और प्लेन की छ� ने गाना वगैरह गाके मुराल बूस्ट करने का भी ट्राइ किया लेकिन कुछ भी काम नहीं कर रहा था उस समय एक एन्रीके नाम का लड़का था जिसके पेट में चेर की रॉट गुज़ गई थी वो रिकवर तो हो रहा था लेकिन उसके पेट के अंदर से कोई चीज बाहर दर्ध हो रहा था उसकी हालत इतनी जादा खराब थी कि वो ये सजेस्ट करता है कि इसको कैसे भी करके काट दो कोई सर्जिकल इंस्टुमेंट नहीं था तो जो ग्लास था कटा हुआ उसी को सर्जिकल एक्विप्रेंट बनाके उस हिस्से को काट दिया जाता है और लकिली इं लुग लेकिन इस टाइम तक एक चीज हुई थी कि इन लोगों को ये चीज समझ में आ गई थी कि अब बाहर से कोई मदद नहीं आने वाली और अगर इनोंने आप कुछ नहीं किया तो ये लोग भी मारे जाएंगे और अपनी मदद खुद ही करनी पड़ेगी कोई बचाने नहीं आ� बैठ के मौत का इंतजार करना इससे कोई फायदा नहीं है अब हमें खुदी कुछ करना पड़ेगा अगर यहां से निकलना है तो जिस जगह पे ये प्लेन था उसके इस्ट साइड में तो सब खुला पड़ा था दूर दूर तक सफेद बर्फ दिख रही थी लेकिन वेस्ट साइड में पहाड थे जिस से उनकी जान बस सके दूर दूर तक स्नोई दिख रही थी और इस चीज के लिए हर कोई एग्री हो जाता है कि ये चीज हमें ट्राइ करनी चाहिए। तो यह लोग डिसाइड करते हैं कि इस परिवर्ट टाइम पर वेदर बहुत खराब है तो सही वेदर का इंदुजार करना होगा तो जिस oxygen जब कम होगी तो best चीज क्या करी जा सकती है ये तीनों लोग इन सारी चीजों की training लेना start करते हैं इन्होंने अपना खुद का marking system भी develop किया था कि जब ये लोग पहार पे उपर चड़ रहे होंगे तो mark करके जाएंगे उपर ताकि किसी भी moment पे अगर ये decide करें और कुछ makeshift flares थे reflective materials भी थे help मांगनी हो तो उसका use कर सकें तो थंड हज से जादा होगी तो इन्होंने plane की इनकी जो सीट थी उसकी कॉटन यानि कि रूपी को निकाला उसको अपनी टीशर्ट और कपड़ों में भर लिया और जैकिट टाइप बना लिया और जो लोग मर गए थे उनके कपड़े उतार के डबल ट्रिपल करके उनको पहले लिया जूते इनके पास थे नहीं जो बेसिक जूते थे उनको ही इन्होंने जो सीट थी उसका जो कुशन था उसको निकाल के इन्होंने अपने जूतों में फिट किया में बंद करके अब इसके बाद डेट आती है ट्वेल्थ ऑफ दिसंबर 1972 ये date decide होती है कि इसी दिन इन तीनों को जाना है पहाडी के उस पार एस पर plan ये था कि morning में दिन में जब रोष्णी होगी तब ये लोग उपर की तरफ चलेंगे और जब रात होगी तो ये लोग बैठ के इंतजार करेंगे तो early morning में ये तीनों west की तरफ निकल जाते हैं ये कोई normal चड़ाई नहीं थी extreme cold और high altitude था यहाँ पे तो 12 तारीक को ये लोग निकलते हैं धीरे धीरे करके आगे बढ़ते हैं तीन दिन तक लगातार चलने के बाद इनको realize होता है कि एक चीज गरबड़ हो गई है जो खाना ये अपने साथ लेके आये हैं वो 100% तीनों के लिए कम पड़ जाएगा तो जब ये तीनों को एक ची रियलाइज हो गई कि खाना कम पड़ जाएगा और किसी ना किसी की जान आगे जल के जाएगी तो जो अंटीनियो था वो बहुती कम टाइम में अपने प्लेन के पास अपने सारे दोस्तों के पास पहुँच गया था और वो बताता है कि वो दोनों आगे जो जर्नी है उसको कॉंटिनियू कर रहे हैं अब इधर ये दोनों धीरे धीरे करके उपर चड़ रहे थे अठारा पे पहुँचना था अभी तक ये लोग करीब 60 किलोमेटर से जादा की दूरी तै कर चुके थे चड़ते चड़ते इनको आठ दिन से जादा हो चुका था और जब ये टॉप पे पहुँचने वाले थे तो ये दोनों बहुत ही जादा नर्वस थे ये बहुत जादा नर्वस रिवर भी दिखती है यह लोग बहुत ज्यादा खुश हो जाते हैं करीब सत्तर दिन से भी ज्यादा हो गए तो यहां पर रुके हुए और इतने दिनों में पहली बार पेड़ देखकर यह लोग बहुत ज्यादा खुश हो गए थे एट लीस यहां से इनको यह तो और कुछ भी दिखी थी यह देखिए जो पॉइंट थी और फॉर है मैप में यहां पर थे और पॉइंट नाइन पर पहुंचना था अब यहां से यह लोग यह जो मैप में सिक्स पॉइंट है यहां पर जाकर रिवर को फॉलो करने लगते हैं अब इसके बाद भी नहीं थी लेकिन उसके बाद भी जो चलना वहाँ पर और रास्ता आसान नहीं था जान इनमें बिल्कुल भी थी नहीं और चलते-चलते एक रात और हो जाती एक रात वहीं रास्ते में निकालते हैं और वहीं रिवर के साइड में वेट करते हैं अब जैसे ही सुबह उठते हैं रिवर के नहीं था और थोड़ी देर बाद ये लोग जब बैठ के वहाँ इंतजार कर रहे थे तो एक आदमी रिवर के दूसरी तरफ घोड़े पे बैठ के आता है अब जैसा मैंने बता है रिवर बहुत बड़ी थी उसमें पानी बहुत जादा बहरा था तो पानी की आवाज से ये ल और उसके बाद वो आदमी वहाँ से चला जाता है, अब ये लोग आपस में डिस्करिस्ट स्टार्ट कर देते हैं कि शायद कल आने के लिए उसने बोला है, ये लोग बेसबी से उसका इंतजार करते हैं, इन फैक्ट ये दोनों टर्न लगाते हैं, जब एक आराम कर रहा होता लिखकर पत्थर में लगाकर उस कागज को फेंकते हैं उस कागज के अंदर लिखा था आई कम फ्रॉम प्लेन डेट फैल इन दाम टेंस आयम उरुगियन यह वह पूरा मैसेज लिखा था पेपर पर और यह वह ऑरिजिनल पेपर है जो लोगों ने एक्शन में लिया जाता है हॉस्पिटल लेकर जाया जाता और फिर यह पूरी कहानी बताते हैं कि कैसे इनके बाकी के जो 14 दोस्त है वो प्लेन में किस जगह पर फसे पड़े हैं और किस तरीके से नोए टाइम काटा है अब उधर दूसरी तरफ जहां पर प्लेन क्रैश हुआ था और जो 14 लोग थे वो वेट कर रहे थे और कोई भी रेडियो से हट नहीं रहा था 9 दिन हो गये थे 9 दिन ये पूरे ट 14, खुशी से रोने लगते, चीखने लगते हैं, चिलाने लगते हैं, और फिर इसके बाद दो हेलिकॉप्टर रेडी किये जाते हैं, और इन दोनों से जो हॉस्पिटल में एडमिट थे, जिनका वेट 30 केजी से भी कम हो चुका था, इनसे बस पूछा जाता है कि आप यहां से हर एक पेसंजर को उठाते हैं, और रेस्क्यू करके इनको बचा लेते हैं, 72 डेज तक इतनी एक्स्ट्रीम कंडिशन में सर्वाइब करना पाएंगे, वो भी बिना खाने के एक ऐसी कहानी है जो बताती है कि कोई भी सिचुएशन में अगर आप हिम्मत मत हारो तो किसी भी सिचुएशन से निकला जा सकता है। इस कहानी को लेके बहुत ज़्यादा कॉंट्रोवर्सी भी हुई कि इन लोगों ने आदमियों को खाया ये नरबक्षी हैं लेकिन एक्शुल बात ही है कि ये हमारी इस्टी की एक ऐसी कहानी है जिसको देखके इंस्पिरेशन ली जा सकती है।